डाक्टरों की हड़ताल, मरीज हुए परेशान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 08:57 PM

doctors strike patients troubled

केंद्र सरकार की तरफ से लाए जा रहे नए मैडीकल बिल के विरोध में इंडियन मैडीकल एसोसिएशन की तरफ से किए आह्वान पर आज पंजाब मैडीकल एंड डैंटल टीचर्ज एसोसिएशन, पंजाब सिवल मैडीकल सर्विसिज एसोसिएशन, आई एम ए स्टूडैंट्स विंग के बैनर तले डाक्टरों की तरफ से हड़ताल...

पटियाला(परमीत) : केंद्र सरकार की तरफ से लाए जा रहे नए मैडीकल बिल के विरोध में इंडियन मैडीकल एसोसिएशन की तरफ से किए आह्वान पर आज पंजाब मैडीकल एंड डैंटल टीचर्ज एसोसिएशन, पंजाब सिवल मैडीकल सर्विसिज एसोसिएशन, आई एम ए स्टूडैंट्स विंग के बैनर तले डाक्टरों की तरफ से हड़ताल की गई, जिस कारण जिले के सरकारी सेहत अस्पतालों में ओ.पी.डी. और अन्य सेहत सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई। 

माता कौशल्या और राजिन्द्रा अस्पताल में ओ.पी.डी. हुई प्रभावित 
सरकारी राजिन्द्रा अस्पताल पटियाला और जिला स्तरीय माता कौशल्या अस्पताल समेत समूचे जिले के सेहत केन्द्रों में आज सेवाएं प्रभावित हुई। बड़े सरकारी अस्पतालों में तो मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि इस हड़ताल सबंधी पहले कोई सूचना नहीं था जिस कारण मरीज दूर-दूर से चल कर अस्पतालों में पहुंचे हुए थे। जहां मरीज काफी परेशान हुए वहां ही डाक्टरों की तरफ से सरकारी विरोधी नारेबाजी की गई। इस मौके डा. विकास गोयल, डा. राजिंदर गोयल, डा. सुधीर सेठी, डा. नीलम गर्ग, डा. वरिंदर गर्ग, डा. रचना, डा. परमिंदर सिंह, डा. रमीता, डा. नवदीप वालिया, डा. मनजिंदर सिंह मान और डा. विकास शर्मा आदि ने शिरकत की। 

आई.एम.ए. ने मैडीकल कालेज में से मीटिंग, सरकार की की निंदा 
इस दौरान इंडियन मैडीकल एसोसिएशन की पटियाला इकाई की मीटिंग सरकारी मैडीकल कालेज में डा. राकेश अरोड़ा प्रधान की अध्यक्षता में हुई, जिस में डाक्टरों ने केंद्र सरकार की तरफ से लाए जा रहे बिल की जोरदार आलोचना की। इस मीटिंग में डा. जतिंदर कुमार कांसल, डा. भगवंत सिंह, डा. ओ.पी.एस. कांडे, डा. सुधीर वर्मा और डा. अमरदीप सिंह ने भाग लिया और इन की तरफ के बाद में डिप्टी कमिशनर के नाम पर मांग पत्र भी सौंपा गया। 

इन डाक्टरों का कहना था कि तजवीजशुदा बिल के द्वारा मैडीकल कौंसिल आफ इंडिया को खत्म किया जा रहा है और मैडीकल पेशे का प्रबंध चार्टड अकाउंटेंट, वकीलों और सामाजिक कार्यकत्र्ताओं के हाथ सौंपा जा रहा है। यही नहीं बल्कि बी.ए.एम.एस. करने वालिया को सिर्फ छह महीने के छोटे कोर्स के बलबूते आधुनिक मेडिसिन डाक्टर के तौर पर रजिस्टर करने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह बिल मरीजों की सुरक्षा के साथ समझौता करता है और यह भारत भर में अपने पेशे के साथ संबंधित डाक्टरों को वोट देकर अपनी संस्था बनाने के अधिकार से वंचित करता है। 

डाक्टरों की हड़ताल का पता होता तो अस्पताल न आती: फूला देवी 
माता कौशल्या अस्पताल में अपने बीमारी के संबध में दवा लेने पहुंचे फूला देवी ने कहा कि यदि उन को पता होता कि आज डाक्टरों की हड़ताल है तो फिर वह अस्पताल ही न आते और परेशानी से बच जाते। 

पत्नी का चैकअप कराने आए को खाने पड़े धक्के 
इस दौरान अपनी पत्नी का चैकअप करवाने आए मनोज ने बताया कि वह राजिन्द्रा अस्पताल में अपनी पत्नी के रुटीन चैकअप के लिए आए थे परन्तु यहां आकर पता चला कि ओ.पी.डी. सेवाएं बंद हैं तो उन को निराशा हाथ लगी। उन्होंने कहा कि डाक्टरों के हितों पर डाका मारना सरकार के लिए भी गलत है परन्तु डाक्टरों को लोगों का भी ख्याल रखना चाहिए। 

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