राजस्व पूर्ति के लिए राज्यभर में ई-ट्रिप लगा सकता है आबकारी एवं कराधान विभाग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 03:08 PM

department of excise and taxation

आबकारी एवं कराधान विभाग राजस्व पूर्ति के लिए प्रदेश में ई-ट्रिप लगा सकता है, क्योंकि जी.एस.टी. कौंसिल ने ई-ट्रिप के समानांतर ई-वे बिल को लगाने का फैसला फिलहाल 31 मार्च, 2018 तक स्थगित कर दिया है। इसलिए सरकार के राजस्व में आ रही टैक्स की कमी को इसी...

लुधियाना(सेठी): आबकारी एवं कराधान विभाग राजस्व पूर्ति के लिए प्रदेश में ई-ट्रिप लगा सकता है, क्योंकि जी.एस.टी. कौंसिल ने ई-ट्रिप के समानांतर ई-वे बिल को लगाने का फैसला फिलहाल 31 मार्च, 2018 तक स्थगित कर दिया है। इसलिए सरकार के राजस्व में आ रही टैक्स की कमी को इसी प्रावधान द्वारा पूरा करने का फैसला उच्चाधिकारियों के मन में है। इस इच्छा को उन्होंने कुछ दिन पूर्व विभाग के हैडक्वार्टर में हुई बैठक दौरान जाहिर किया था।गौरतलब है कि पंजाब के पड़ोसी राज्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश व गुजरात में वर्तमान समय में ई-ट्रिप प्रणाली लागू है। जी.एस.टी. कौंसिल द्वारा ई-वे बिल को देशभर में इसलिए नहीं लगाया गया है, क्योंकि उनके पास उस योग्य सिस्टम तैयार नहीं हुआ है लेकिन सरकारें इस प्रणाली को अपने स्तर पर टैक्स चोरी रोकने के लिए लगा सकती हैं। ई-ट्रिप 50 हजार से ऊपर की इन्वॉयस पर लगेगा और उस बिल की जांच अधिकारी किसी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते हैं। यदि बिल में गड़बड़ी पाई गई तो वह उस कारोबारी से पैनल्टी वसूलेंगे। बेशक इस बात की पुष्टि आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है, परंतु नाम न छापने की शर्त पर उन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह प्रणाली लगनी चाहिए ताकि टैक्स चोरी रुके और राज्य के राजस्व में वृद्धि हो। 


क्या है ई-ट्रिप 
ई-ट्रिप 50 हजार से ऊपर के बिल पर लगेगा और कारोबारी या ट्रांसपोर्टर उस इन्वॉयस की जानकारी ऑनलाइन सिस्टम द्वारा विभाग को देगा। विभाग द्वारा मान्यता के तौर पर एक स्लिप कारोबारी को मिलेगी, जिसका नंबर इन्वॉयस पर लिखना होगा और उस स्लिप को भी इन्वॉयस के साथ लगाना होगा। इन दोनों के बिल के साथ न होने की सूरत में विभाग टैक्स व पैनल्टी वसूल सकता है।

पूर्व सरकार दौरान कारोबारियों ने किया था ई-ट्रिप का विरोध 
2016 में 1 वर्ष के लगभग प्रदेश में ई-ट्रिप लगाया गया था, जिसका रा’यभर के कारोबारियों ने सख्त विरोध किया था और इनके प्रदर्शनों को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इसे वापस लेने का फैसला किया था। यदि अब विभाग इसे लगाता है तो स्थिति समय ही बताएगा। 


ई-ट्रिप से बढ़ेगा भ्रष्टाचार  
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के सुनील मेहरा व महिन्द्र अग्रवाल ने कहा कि यदि रा’य में ई-ट्रिप लगता है तो भ्रष्टाचार बढ़ेगा, क्योंकि व्यापार मंडल ने 2016 में भी भ्रष्टाचार को बढ़ता देखकर उस समय की सरकार को ई-ट्रिप वापस लेने के लिए आग्रह किया था। इन नेताओं ने कहा कि जी.एस.टी. कारण कारोबार के हालात पहले ही खस्ता हैं। यदि ई-ट्रिप लगाया जाता है तो प्रदेश का कारोबार ठप्प हो जाएगा, क्योंकि कौंसिल का सिस्टम पहले ही बुरे हालात से गुजर रहा है, रिटर्न भरी नहीं जा रही है। इन नेताओं ने कहा कि व्यापार मंडल केंद्र से आग्रह कर रहा है कि ई-वे बिल कारोबार के लिए नुक्सानदायक है, इसलिए इसे न लगाया जाए। उन्होंने रा’य सरकार से मांग की कि वह विभाग के उक्त फैसले में हस्तक्षेप करे। 

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