Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 09:06 AM
राज्यसभा मैंबर तथा पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान प्रताप सिंह बाजवा अब विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के समय अकाली नेताओं को जेलों में भेजने के अपने दिए गए बयान प्रति सख्त हो गए हैं
गुरदासपुर (विनोद): राज्यसभा मैंबर तथा पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान प्रताप सिंह बाजवा अब विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के समय अकाली नेताओं को जेलों में भेजने के अपने दिए गए बयान प्रति सख्त हो गए हैं, क्योंकि उन्होंने विधानसभा चुनाव प्रचार के समय एक सार्वजनिक सभा में सम्बोधित करते हुए घोषणा की थी कि यदि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के 3 माह के अंदर-अंदर नशों के कारोबार के लिए सुखबीर बादल, बिक्रम मजीठिया, तोता सिंह तथा आदेश प्रताप सिंह कैरों को जेलों में बंद न किया तो वह राज्यसभा से त्यागपत्र दे देंगे।
इस संबंधी प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, यह ठीक है कि उन्होंने चुनाव प्रचार दौरान सार्वजनिक रूप में यह घोषणा की थी परंतु पंजाब सरकार इस मामले में गंभीर दिखाई नहीं देती तथा पंजाब के नौजवानों को नशों की तरफ धकेलने के लिए दोषी माने जाने वाले सुखबीर बादल,बिक्रम मजीठिया, तोता सिंह तथा आदेश प्रताप सिंह के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए तैयार दिखाई नहीं देती।
प्रताप बाजवा ने कहा कि मैंने राज्यसभा की सदस्यता से कोई त्यागपत्र नहीं दिया है तथा न ही ऐसा सोचा है। पार्टी ने मुझे राज्यसभा मैंबर बनाया है तथा यह मेरे लिए तथा समूह पंजाब के लोगों के लिए सम्मान की बात है। बाजवा ने कहा कि मैं जल्द पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से मुलाकात कर नशों के कारोबार में संलिप्त अकाली नेताओं के विरुद्ध की जाने वाली कार्रवाई संबंधी बात करूंगा। मेरी कोशिश होगी कि यह कार्रवाई जल्दी हो। राज्यसभा से त्यागपत्र देने वाले समाचार में किसी तरह की कोई सच्चाई नहीं है।