Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 07:47 AM
जिले में पर्यावरण को लेकर न तो प्रशासन/सरकार गंभीर है और न ही आम जनता। माफिया इस कदर हावी है कि बेखौफ होकर पेड़ काट कर उनका व्यापार कर रहा है। पहले विकास के नाम पर महानगर में 60 हजार के करीब पेड़ों की बलि ले ली गई थी, अब माफिया धड़ल्ले से शहर में...
जालंधर(रविंदर): जिले में पर्यावरण को लेकर न तो प्रशासन/सरकार गंभीर है और न ही आम जनता। माफिया इस कदर हावी है कि बेखौफ होकर पेड़ काट कर उनका व्यापार कर रहा है। पहले विकास के नाम पर महानगर में 60 हजार के करीब पेड़ों की बलि ले ली गई थी, अब माफिया धड़ल्ले से शहर में पेड़ों की टहनियों पर भी कुल्हाड़ी चला रहा है।
महानगर का ऐसा कोई इलाका नहीं है, जहां रात के अंधेरे में हरे भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी न चलाई जा रही हो। पंजाब केसरी की टीम ने ऐसे ही शहर में हरियाली के कत्ल होते की कुछ तस्वीरें खींची हैं। जिले का हार्टीकल्चर विभाग पूरी तरह से गहरी नींद में सो रहा है और पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। सरकारी विभागों की अनदेखी के कारण माफिया की पूरी मौज है और आम जनता नुक्सान झेलने को मजबूर है।