Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 05:04 PM
झूठे केस में फंसाने के बहुचर्चित मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश (स्पैशल कोर्ट) परमिन्द्र सिंह राय की अदालत में शनिवार को तीनों आरोपी पुलिस अधिकारी लुधियाना में तैनात ए.सी.पी. लखवीर सिंह और होशियारपुर में तैनात ए.एस.आई. प्रदीप कुमार व हैड...
होशियारपुर(अमरेन्द्र): झूठे केस में फंसाने के बहुचर्चित मामले में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश (स्पैशल कोर्ट) परमिन्द्र सिंह राय की अदालत में शनिवार को तीनों आरोपी पुलिस अधिकारी लुधियाना में तैनात ए.सी.पी. लखवीर सिंह और होशियारपुर में तैनात ए.एस.आई. प्रदीप कुमार व हैड कांस्टेबल सतीश कुमार अपने वकीलों के साथ पेश हुए।
ए.सी.पी. लखवीर सिंह की तरफ से जहां एडवोकेट एम.पी. सिंह पेश हुए वहीं ए.एस.आई. प्रदीप कुमार व हैड कांस्टेबल सतीश कुमार की तरफ से एडवोकेट एच.एस. सैनी पेश हुए। अदालत में तीनों पुलिस अधिकारियों के बयान कलमबद्ध होने के बाद शनिवार को बहस प्रक्रिया भी पूरी हो गई। बहस के पश्चात अदालत ने इस मामले के फैसले के लिए अगली तिथि 29 जनवरी मुकर्रर की है।
क्या है मामला
एडवोकेट सर्बजीत सिंह भुंगा ने बताया कि थाना मॉडल टाऊन में तैनात ए.एस.आई. (उस समय हवलदार) प्रदीप कुमार ने एक साजिश तहत राजबीर कौर के पति विक्रम सिंह विरुद्ध झूठी कार्रवाई करते हुए 2 फरवरी 2014 को नशीले पदार्थ रखने का केस डाल उसे गिरफ्तार कर लिया था।
इस केस में विक्रम सिंह को करीब 7 महीने जेल में रहना पड़ा था। इस मामले में अदालत ने 10 अक्तूबर 2017 को विक्रम सिंह को बाइज्जत बरी कर दिया था। अदालत ने पुलिस की तरफ से विक्रम को झूठे केस में फंसाने का कड़ा संज्ञान लेते हुए धारा 193 तहत ए.सी.पी. लखबीर सिंह (तत्कालीन इंस्पैक्टर) के साथ-साथ ए.एस.आई. प्रदीप कुमार व हैड कांस्टेबल सतीश कुमार को सम्मन जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए अदालत में तलब किया था।
पुलिस अधिकारियों के लिए मामला बना गले की फांस
अदालत परिसर में पीड़ित पक्ष के वकील एडवोकेट सर्बजीत सिंह भुंगा ने बताया कि आज अदालत में हमारे पक्ष की कोई सुनवाई नहीं हुई क्योंकि हमारे पत्र की सुनवाई स्वयं अदालत कर रही है। उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिस अधिकारी ने स्पैशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में रिवीजन पटीशन दायर की हुई है जिसकी अगली सुनवाई 24 जनवरी तय है।
हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारी से कहा है कि उन्हें रिवीजन पटीशन लगाने का क्या अधिकार है जबकि माननीय स्पैशल कोर्ट होशियारपुर ने उनके खिलाफ सैक्शन 340 सी.आर.पी.सी. अधीन इनको झूठी गवाही देने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के कारण नोटिस जारी किया हुआ है कि क्यों न इनके खिलाफ धारा 193 आई.पी.सी. अधीन कार्रवाई की जाए।