इंडस्ट्री विभाग के अफसर चहेते कारोबारियों को जिताना चाहते हैं लेट्स के चुनाव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 11:41 AM

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इंजीनियरिंग इंडस्ट्री के प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए लुधियाना एफुलेंट ट्रीटमैंट सोसाइटी (लेट्स) के चुनाव में जमकर धांधली होने की पोल प्रथम चरण पर ही खुल गई है। इंडस्ट्री विभाग के जनरल मैनेजर अमरजीत सिंह ने अपने चहेतों को चुनाव जिताने के लिए बिना...

लुधियाना(धीमान): इंजीनियरिंग इंडस्ट्री के प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए लुधियाना एफुलेंट ट्रीटमैंट सोसाइटी (लेट्स) के चुनाव में जमकर धांधली होने की पोल प्रथम चरण पर ही खुल गई है। इंडस्ट्री विभाग के जनरल मैनेजर अमरजीत सिंह ने अपने चहेतों को चुनाव जिताने के लिए बिना हवा लगे उन्हें नामांकन फार्म जारी कर दिए। जब कुछ सदस्य फार्म लेने 9 नवम्बर को जिला उद्योग केंद्र पहुंचे तो उन्हें समय सीमा खत्म होने का बहाना लगाकर भगा दिया गया। 

लेट्स के सदस्य व प्रमुख विभिन्न औद्योगिक एसोसिएशनों के प्रधान टी.एस. मिश्रा ने आरोप लगाते हुए डायरैक्टर इंडस्ट्री डी.पी.एस. खरबंदा को पत्र लिखा है कि लुधियाना इंडस्ट्री डिपार्टमैंट अपनों को लेट्स के पदों पर लाना चाहता है। इसीलिए कानूनों को ताक पर रखकर नामांकन फार्म जारी कर दिए। कानून के मुताबिक विभाग को अखबारों में विज्ञापन देकर या सदस्यों को सर्कुलर भेजकर चुनाव के बारे में सूचित किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यहां तक कि चुनाव संबंधी विभाग के नोटिस बोर्ड पर भी कोई सर्कुलर नहीं लगाया गया। 

मिश्रा ने बताया कि 9 नवम्बर की शाम 4 बजे उन्हें किसी सदस्य से पता चला कि लेट्स के चुनाव के लिए फार्म जारी हो रहे हैं। जब वह इंडस्ट्री डिपार्टमैंट में फार्म लेने गए तो जनरल मैनेजर खरबंदा ने कहा कि समय खत्म हो चुका और आज आखिरी तारीख थी। मिश्रा ने जब इसका विरोध दर्ज किया तो अधिकारियों ने उन्हें कहा कि वह डायरैक्टर इंडस्ट्री के आदेशों पर सब कुछ कर रहे हैं। यानी इससे साफ  हो रहा है कि ऊपर से नीचे तक सभी अधिकारी अपने चहेते कारोबारियों को ही लेट्स के पदों पर देखना चाहते हैं, जिन लोगों ने फार्म लिए हर पोस्ट पर 3-4 नाम ही सामने आ रहे हैं। मिश्रा ने डायरैक्टर इंडस्ट्री से चुनाव की तारीख बढ़ाने के लिए आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि लेट्स के 1400 से अधिक सदस्य हैं। साथ ही उन्होंने लिखा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। यहां बता दें कि टी.आर. मिश्रा वही कारोबारी हैं जिन्होंने अकाली सरकार के समय रिश्वत के खिलाफ  लड़ाई लड़ते हुए आई.ए.एस. वी.के. जंजुओं को 2 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाया था।

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