Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 10:17 AM
राज्य के सरकारी स्कूलों में सेवाएं निभा रहे 7000 कम्प्यूटर अध्यापकों के लिए वर्ष 2017 के दौरान हुकूमत तो बदल गई है परंतु हालात नहीं बदले। यह वर्ष तो कम्प्यूटर अध्यापकों का हकों की जद्दोजहद में गुजरा। इन विचारों का उल्लेख कम्प्यूटर मास्टर यूनियन...
बटाला(बेरी, सैंडी): राज्य के सरकारी स्कूलों में सेवाएं निभा रहे 7000 कम्प्यूटर अध्यापकों के लिए वर्ष 2017 के दौरान हुकूमत तो बदल गई है परंतु हालात नहीं बदले। यह वर्ष तो कम्प्यूटर अध्यापकों का हकों की जद्दोजहद में गुजरा। इन विचारों का उल्लेख कम्प्यूटर मास्टर यूनियन (सी.एम.यू. पंजाब) द्वारा एक प्रैस नोट जारी करते हुए किया गया।
कम्प्यूटर अध्यापकों ने बताया कि उनको वर्ष 2011 के दौरान राज्य सरकार द्वारा पड़ाव दर पड़ाव पिकट्स सोसायटी के अंतर्गत रैगुलर करने का ऐलान किया गया था जिसके चलते उनको पिकट्स सोसायटी के अधीन रैगुलर भी कर दिया गया परंतु रैगुलर होने के 6 वर्षों के लंबे अरसे के उपरांत भी उनको उनके बनते अधिकारों से वंचित रखा गया है।
इलाज से वंचित कम्प्यूटर अध्यापक
कम्प्यूटर मास्टर यूनियन (पंजाब) के प्रांतीय सीनियर उपाध्यक्ष प्रभजोत सिंह बल्ल ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में कई ऐसे कम्प्यूटर अध्यापक हैं जो कि खुद या उनके परिवार का कोई पारिवारिक सदस्य भयानक बीमारी से पीड़ित है परंतु राज्य सरकार के बाकी कर्मचारियों की तरह रैगुलर होने के उपरांत भी मैडीकल रीइम्बर्समैंट की सुविधा न मिलने के कारण वे अपना इलाज करवाने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी त्रासदी क्या होगी कि पैसे न होने के कारण कुछ कम्प्यूटर अध्यापकों की समय सिर इलाज न मिलने के कारण मौत भी हो चुकी है।
अंतरिम राहत के इंतजार में गुजरा एक वर्ष
उपाध्यक्ष राजदीप सिंह मानसा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जहां विधानसभा चुनाव के दौरान कम्प्यूटर अध्यापकों को छोड़, राज्य के समूह कर्मचारियों को पे-कमीशन मिलने तक 5 प्रतिशत अंतरिम राहत देने का ऐलान किया गया था वहीं कम्प्यूटर अध्यापक एक वर्ष बीत जाने के उपरांत भी इसको प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर चुके हैं परंतु अधिकारियों की पक्षपाती नीति के कारण उनको अभी तक अंतरिम राहत का लाभ नहीं दिया गया जिसकी जितनी ङ्क्षनदा की जाए कम है।
नए वर्ष में भी जारी रहेगा संघर्ष
यूनियन के लीगल एडवाइजर राज सुरिन्द्र सिंह काहलों, सीनियर नेता बिक्रम मानसा, मनप्रीत सिंह पटियाला, कुलविंद्र सिंह लसूढ़ी, ने संयुक्त तौर पर कहा कि यदि सरकार ने समय रहते राज्य के समूह कम्प्यूटर अध्यापकों को पिकट्स सोसायटी से शिक्षा विभाग में तबदील करते हुए उनके सभी जायज हकों को बहाल करते हुए उनको सभी बनते लाभ नहीं दिए तो यूनियन द्वारा राज्य स्तर पर संघर्ष का आगाज करते हुए नए वर्ष में भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि नए वर्ष की शुरूआत से ही संघर्ष शुरू किया जाएगा जिसके संबंध में रणनीति जनवरी महीने के दूसरे सप्ताह होने वाली राज्य स्तरीय मीटिंग में तैयार की जाएगी।