Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 03:10 PM
भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहां), किरती किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन एकता (डकौंदा) व भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) द्वारा खुदकुशियां व कर्जा माफी के मुद्दे पर सरकारों द्वारा टालमटोल की नीति अपनाने का विरोध करते हुए डी.सी. कार्यालय समक्ष...
श्री मुक्तसर साहिब (दर्दी,खुराना): भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहां), किरती किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन एकता (डकौंदा) व भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) द्वारा खुदकुशियां व कर्जा माफी के मुद्दे पर सरकारों द्वारा टालमटोल की नीति अपनाने का विरोध करते हुए डी.सी. कार्यालय समक्ष रोष प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर किसान नेताओं ने कहा कि किसानों को लंबे समय की खेती विरोधी सरकारी नीतियों कारण सहकारी व व्यापारिक बैंकों, सूदखोर आढ़तियों व साहूकारों सहित निजी वित्तीय कंपनियों से मजबूरन कर्जे लेने पड़ते हैं। अब किसान ये कर्जे लौटाने में असमर्थ हैं, इसलिए किसानों-मजदूरों के समूचे कर्जे माफ किए जाएं। इसके साथ ही खुदकुशी कर गए किसानों-मजदूरों के वारिसों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। इस समय किसान नेताओं ने डी.सी. को ज्ञापन भी सौंपा।
ये हैं प्रमुख मांगें
-किसानों के कर्जे माफ किए जाएं
-खुदकुशी पीड़ित परिवारों को मिले मुआवजा व सरकारी नौकरी
-खेती जिन्सों का लाभकारी समर्थन मूल्य
- आवारा पशुओं से निजात की मांग