गुरु नानक देव अस्पताल में सर्जिकल स्ट्राइक.ड्यूटी से 80 प्रतिशत डाक्टर मिले गैर-हाजिर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 12:43 PM

checking in guru nanak dev hospital

गुरु नानक देव अस्पताल में आज सांसद गुरजीत सिंह औजला ने सरकारी सेवाओं पर सर्जीकल स्ट्राइक कर दी। औजला द्वारा अस्पताल के किए गए अचानक निरीक्षण में जहां 80 प्रतिशत से अधिक डाक्टर गैर-हाजिर पाए गए, वहीं वार्ड में शराब तथा बीयर की खाली बोतलेें बरामद हुई...

अमृतसर(दलजीत): गुरु नानक देव अस्पताल में आज सांसद गुरजीत सिंह औजला ने सरकारी सेवाओं पर सर्जीकल स्ट्राइक कर दी। औजला द्वारा अस्पताल के किए गए अचानक निरीक्षण में जहां 80 प्रतिशत से अधिक डाक्टर गैर-हाजिर पाए गए, वहीं वार्ड में शराब तथा बीयर की खाली बोतलेें बरामद हुई हैं।सांसद के सामने मरीजों ने सेहत सेवाएं न मिलने के कारण रोते-बिलखते हुए डाक्टरों को कोसा है। सांसद ने मरीजों की दयनीय हालत देखते हुए अस्पताल प्रशासन के उच्च अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है।     

जानकारी के अनुसार सांसद गुरजीत सिंह औजला लोगों से मिल रही शिकायतों के बाद आज गुरु नानक देव अस्पताल में सुबह 9 बजे के करीब अचानक निरीक्षण करने पहुंचे। औजला के निरीक्षण का पता चलते ही अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. राम स्वरूप शर्मा मौके पर पहुंचे। औजला ने सबसे पहले अस्पताल की ओ.पी.डी. चैक की जहां पर अधिकतर डाक्टर से गैर-हाजिर थे। मरीज सुबह से डाक्टरों का इंतजार कर रहे थे पर डाक्टर नदारद थे। ओ.पी.डी. के साथ एक्स-रे रूम में औजला ने जब चैकिंग की तो वहां पर मौजूद मरीजों ने एक्स-रे न करने की सांसद को शिकायत लगाई। कई मरीजों ने यहां तक कह दिया कि कई दिनों से वे एक्स-रे करवाने आ रहे हैं, परन्तु स्टाफ जानबूझ कर उनके एक्स-रे नहीं करता है। 

उन्होंने कुछ दिन पहले भी अस्पताल का अचानक निरीक्षण कर लापरवाही बरतने वाले डाक्टरों तथा स्टाफ को ईमानदारी से मरीजों का इलाज करने की नसीहत दी थी व स्पष्ट किया था कि वह दोबारा अचानक निरीक्षण करने आ सकते हैं। आज के निरीक्षण में सामने आई खामियों की सांसद ने संक्षिप्त रिपोर्ट बनाकर मैडीकल तथा शिक्षा बोर्ड विभाग को भेज दी है। 

आप्रेशन थिएटर के बाहर परिजनों ने सुनाए दुखड़े
सांसद ने जब आप्रेशन थिएटर, आई.सी.सी.यू. इत्यादि का दौरा किया तो वहां पर मरीजों के परिजनों के बैठने का कोई प्रबंध नहीं था। परिजन चादरें बिछा कर ठंड में ही लेटे हुए थे। सांसद को कई परिजनों ने कहा कि टैस्ट, दवाइयां इत्यादि सभी प्राइवेट करवाई जा रही हैं। न तो सरकारी दवा, न ही सुविधा मिल रही है। नाम को सरकारी अस्पताल है परन्तु खर्चा प्राइवेट अस्पतालों से अधिक हो रहा है। मरीजों की तरफ ध्यान भी कम ही दिया जाता है। औजला द्वारा सर्जरी वार्ड-1 तथा 3 का भी अचानक निरीक्षण किया गया।

एमरजैंसी भगवान भरोसे
उन्होंने अस्पताल की एमरजैंसी का जब दौरा किया तो वहां पर कोई भी सीनियर डाक्टर मौजूद नहीं था। एमरजैंसी में पड़े बैड के गद्दे गले-सड़े हुए थे तथा चादरें भी साफ नहीं थीं। सांसद के निरीक्षण का पता चलते ही पीड़ित मरीज मौके पर पहुंच गए। वे काफी समय से एमरजैंसी में आए हुए हैं, परन्तु अभी तक कोई सीनियर डाक्टर नहीं आया है। ढूंढने पर भी डाक्टर नहीं मिलते हैं। औजला ने इसके बाद एमरजैंसी के आखिर में पड़ी गंदगी की भरमार देखकर अस्पताल के स्टाफ को फटकार लगाई। 

कमीशन के चक्कर में प्राइवेट मैडीकल स्टोर्स से मंगवाई जाती है दवाइयां
एमरजैंसी व आर्थों वार्ड-2 का निरीक्षण करने पर सांसद के सामने कई मरीजों ने अपनी विवशता जताई। मरीजों ने कहा कि वे गरीब होने के कारण उक्त अस्पताल में आए हैं, ताकि मुफ्त मिलने वाली सेवाओं का लाभ उन्हें मिल पाए, परन्तु अफसोस की बात है कि यहां पर भी डाक्टर कमीशन खाने के चक्कर में सरकारी दवाई उपलब्ध होने के बावजूद प्राइवेट मैडीकल स्टोर्स से दवाई मंगवा रहे हैं। कई मरीजों ने तो बाहर से लाई हुई दवाइयों की पॢचयां भी सांसद को दिखाईं। उन्होंने मरीजों के हो रहे शोषण को देखते हुए संबंधित डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए।

वार्ड में मिली शराब व बीयर की बोतलें
आर्थो वार्ड-2 में सांसद के निरीक्षण के दौरान शराब व बीयर की काफी खाली बोतलें बरामद हुईं। सांसद ने डाक्टरों से पूछा कि ये बोतलें कहां से आई हैं तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इसके बाद वार्ड में पड़ी गंदगी को देखकर सांसद काफी नाराज हुए। उन्होंने डाक्टरों से कहा कि आप इलाज कर रहे हैं या फिर बीमारियां बांट रहे हैं। मरीजों के हालत पर दया करो और सरकारी सेवाओं का उन्हें पर्याप्त लाभ दो। उन्होंने अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों को शराब तथा बीयर की खाली बोतलों की जांच करवाकर कार्रवाई करने के लिए कहा।

मरीजों ने रो-रो कर सुनाई अपनी बेबसी
सांसद ने जब डायग्नॉस्टिक सैंटर का दौरा किया तो वहां पर विभिन्न प्रकार के टैस्ट न होने पर मरीजों ने अपनी बेबसी जाहिर की। एक मरीज ने रोते हुए सरकारी सेवाओं को कोसते हुए कहा कि वह अस्पताल में दाखिल हैं, उसकी एम.आर.आई. पिछले कई दिनों से नहीं हो रही है। वह रोजाना आती है, परन्तु डाक्टर यह कह कर भेज देते हैं कि मशीन खराब है। इलाज कर रहे डाक्टर ने कहा कि जब तक एम.आर.आई. नहीं होगी तब तक इलाज शुरू नहीं होगा। मरीज ने कहा कि वह दर्द से तड़प रही है, परन्तु उसकी सुध नहीं ली जा रही है। 

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