Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Dec, 2017 04:57 PM
यदि आप पर पुलिस ने किसी शिकायत या फिर अन्य कारण से एफ.आई.आर. दर्ज की हुई है। आप विदेश किसी काम से जाना चाहते हैं लेकिन पासपोर्ट कार्यालय द्वारा करवाई जाने वाली पुलिस वैरीफिकेशन (पी.सी.सी.) में आपको पासपोर्ट जारी न करने की सिफारिश की गई है तो यह...
मंडी गोबिंदगढ़ (मग्गो): यदि आप पर पुलिस ने किसी शिकायत या फिर अन्य कारण से एफ.आई.आर. दर्ज की हुई है। आप विदेश किसी काम से जाना चाहते हैं लेकिन पासपोर्ट कार्यालय द्वारा करवाई जाने वाली पुलिस वैरीफिकेशन (पी.सी.सी.) में आपको पासपोर्ट जारी न करने की सिफारिश की गई है तो यह समाचार न केवल आपको पासपोर्ट दिलाने में सहायक सिद्ध होगा बल्कि आपको इस संबंधी कानूनी जानकारी भी देगा।
रीजनल पासपोर्ट आफिस चंडीगढ़ द्वारा आकाश बत्ता को पासपोर्ट जारी करने से इंकार करने के बाद आकाश बत्ता ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट स्वर्ण सिंह टिवाणा के माध्यम से एक सिविल रिट पटीशन दायर की। एडवोकेट के माध्यम से आकाश बत्ता ने अपनी याचिका में मांग की कि उसे पासपोर्ट एक्ट के अनुसार अपना पासपोर्ट हासिल करने का हक है। इस मामले की सुनवाई करते हुए उनके वकील की दलीलों से सहमत होते हुए जस्टिस अमित रावल ने आकाश बत्ता को एक माह के अंदर-अंदर एक साल की वैधता के साथ पासपोर्ट जारी करने के आदेश दिए।
इसी मामले दौरान ए.ए.जी. हरियाणा रणबीर सिंह व पासपोर्ट कार्यालय की ओर से पेश हुए वकील विवेक सिंगला के माध्यम से पासपोर्ट कार्यालय को आदेश लागू करने को कहा गया था। अब रीजनल पासपोर्ट आफिस चंडीगढ़ को आकाश बत्ता का बिना पुलिस वैरीफिकेशन के पासपोर्ट जारी करना था लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए आकाश बत्ता को पासपोर्ट जारी करने के स्थान पर उसे नया आवेदन करने के लिए कह दिया गया। इस उपरांत आकाश बत्ता ने पासपोर्ट सेवा केन्द्र चंडीगढ़ में पासपोर्ट के लिए नई एप्लीकेशन दे दी।
इसमें आकाश बत्ता द्वारा उच्च न्यायालय के जस्टिस अमित रावल द्वारा सिविल रिट पटीशन नंबर सी.डब्ल्यू.पी. 13293/2016 में 16 मई 2017 को जारी किए गए आदेश की कापी भी लगाई लेकिन पासपोर्ट आफिस ने उसका पासपोर्ट देने से इंकार करते हुए उसे पत्र जारी करके थमा दिया। इसके बाद आकाश बत्ता पुन: उच्च न्यायालय की शरण में जा पहुंचा व रीजनल पासपोर्ट अधिकारी सीबाष काबीराज के विरुद्ध पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट स्वर्ण सिंह टिवाणा के माध्यम से उच्च न्यायालय की अवमानना का मुकद्दमा दायर कर दिया।
इसकी सुनवाई जस्टिस दया चौधरी द्वारा 12.12.2017 को करते हुए रीजनल पासपोर्ट अधिकारी सीबाष काबीराज के विरुद्ध पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश न मानने के लिए कोर्ट की अवमानना करने के आरोप में मुकद्दमा चलाने के लिए तिथि 26 फरवरी 2018 को अपना पक्ष पेश करने के लिए शो कोज नोटिस जारी कर दिया गया। इस पर रीजनल पासपोर्ट अधिकारी सीबाष काबीराज ने मात्र 10 दिन में ही 22 दिसम्बर 2017 को आकाश बत्ता को रीजनल पासपोर्ट आफिस सैक्टर 34 चंडीगढ़ में बुलवा कर उसे न सिर्फ उसका एक वर्ष की अवधि के साथ पासपोर्ट थमा दिया बल्कि उसे कोर्ट की अवमानना का मुकद्दमा वापस लेने के लिए भी कहा।
क्या है मामला
मंडी गोबिंदगढ़ निवासी आकाश बत्ता ने 11 दिसम्बर 2015 को रीजनल पासपोर्ट आफिस चंडीगढ़ में नया पासपोर्ट जारी करने के लिए आवेदन किया था। इस उपरांत आकाश बत्ता को जब पासपोर्ट आफिस बुलाया गया तो उसने टोकन नंबर 85 अधीन अपने सभी दस्तावेज कार्यालय में जमा करवा दिए। आवेदक ने पासपोर्ट कार्यालय को उसके विरुद्ध पुलिस स्टेशन मंडी गोबिंदगढ़ में एफ.आई.आर. नंबर 95 तिथि 16 अप्रैल 2014 अंडर सैक्शन 341, 323, 324, 506, 148 तथा 149 दर्ज होने की बात भी बताई। इसका ट्रायल अमलोह कोर्ट में जारी होने का खुलासा भी किया गया था। इस उपरांत पुलिस द्वारा एन.ओ.सी. न मिलने के चलते उसे पासपोर्ट कार्यालय द्वारा पासपोर्ट जारी करने से इंकार कर दिया गया था।