पंजाब केसरी की खबर पर लगी मोहर, एक महीना फिर लटका कैबिनेट विस्तार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 09:33 AM

captain amrinder singh

जैसा कि पंजाब केसरी ने 28 दिसम्बर को खबर प्रकाशित कर दी थी कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से लगातार पैंडिंग चला आ रहा कैबिनेट का विस्तार फिर एक महीने के लिए लटक गया है। जिसे लेकर पिछले 10 महीने दौरान कभी चुनाव या देश के अन्य राजनीतिक...

लुधियाना (हितेश): जैसा कि पंजाब केसरी ने 28 दिसम्बर को खबर प्रकाशित कर दी थी कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से लगातार पैंडिंग चला आ रहा कैबिनेट का विस्तार फिर एक महीने के लिए लटक गया है। जिसे लेकर पिछले 10 महीने दौरान कभी चुनाव या देश के अन्य राजनीतिक घटनाक्रम का हवाला दिया जाता रहा है। लेकिन असलियत यह है कि कहीं न कहीं कैप्टन ही कैबिनेट का विस्तार नहीं चाहते। जिसकी वजह मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले चेहरों को लेकर कैप्टन व राहुल गांधी के बीच सहमति न बन पाना भी है।  कैप्टन अपने कुछ करीबियों को मंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि राहुल द्वारा युवा चेहरों को मौका देने का दवाब बनाया जाता है। जिसे लेकर सीनियर विधायकों की लंबी फौज को नजरअंदाज करने से असंतोष बढऩे का हवाला देते हुए कैप्टन द्वारा हर बार कैबिनेट विस्तार टाल दिया जाता है, जैसा कि अब भी हुआ। जिसकी वजह राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा नामंजूर करने को लेकर कैप्टन द्वारा की गई सिफारिश न माने जाने को लेकर पनपा गुस्सा भी है।


 हिंदू को मिल सकता है डिप्टी सी.एम. का पद
जब पंजाब में भारी बहुमत के साथ कांग्रेस की सरकार बनी तो नवजोत सिद्धू या मनप्रीत बादल को डिप्टी सी.एम. बनाने पर चर्चा हुई। लेकिन कैप्टन इस पर सहमत नहीं हुए, क्योंकि यह दोनों ही नेता दूसरी पाॢटयों से आए थे। उनको दूसरे नंबर का मंत्री भी नहीं बनाया गया। अब एक बार फिर डिप्टी सी.एम. बनाने पर विचार हो रहा है। जिसमें किसी हिंदू को मौका देने की बात सामने आ रही है, क्योंकि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के अलावा नगर निगम चुनावों में मिली जीत में ङ्क्षहदुओं खासकर शहरियों का खास योगदान रहा है। लेकिन उनको कैबिनेट में खास जगह नहीं मिली। जिससे शहरी वर्ग में रोष है। इस माहौल का लोकसभा चुनाव में नुक्सान होने का डर है। इसके मद्देनजर कांग्रेस ने ङ्क्षहदू को डिप्टी सी.एम. बनाकर भाजपा से हिंदू कार्ड छिनने की रणनीति बनाई है। 

कुछ मंत्रियों के बदले जाएंगे विभाग 

पंजाब में जब भी नए मंत्री बनाए जाएंगे तो उनको मंत्रालय बांटने के लिए पुराने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होना तय है। जिसकी चर्चा भी कैप्टन की राहुल गांधी के साथ मीटिंग के दौरान हुई है। इसमें पुराने मंत्रियों की परफार्मैंस के मुताबिक उनके विभाग चेंज करने को लेकर सहमति बनी है। 

राणा के इस्तीफे से क्लीयर हुई जालंधर की एंट्री
जालंधर में इस समय कांग्रेस के चार विधायक हैं, जिनमें से परगट सिंह को छोड़कर बाकी सब पहली बार जीते हुए हैं। यही वजह है कि राणा गुरजीत सिंह को जालंधर के कोटे से मंत्री बनाने के नाम पर शहर के किसी विधायक को कैबिनेट में जगह नहीं दी गई। अब राणा की छुट्टी हो गई है तो जालंधर के किसी विधायक के मंत्री बनने का रासता साफ हो गया है।  

देरी के लिए लुधियाना नगर निगम चुनाव का दिया जा रहा हवाला 
नए मंत्री बनाने में एक बार फिर हुई देरी के लिए लुधियाना नगर निगम के चुनाव का हवाला दिया जा रहा है, क्योंकि अगर अब मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाता तो लुधियाना में से कोई मंत्री लेने का फैसला पैंडिंग करना पड़ता। जिससे लोगों में लुधियाना को नजरअंदाज करने को चर्चा छिडऩे पर पार्टी को नुक्सान हो सकता है। 

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