Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Dec, 2017 11:35 AM
राष्ट्र को प्रतिदिन 207 मैगावाट विद्युत ऊर्जा 4 पन बिजली घरों से मिल रही है, मगर इस प्रोजैक्ट की महत्वपूर्ण 37 किलोमीटर लम्बी मुकेरियां हाईडल नहर की स्थिति पूर्ण रूप से खस्ता हो चुकी है।
मुकेरियां(स.ह.): राष्ट्र को प्रतिदिन 207 मैगावाट विद्युत ऊर्जा 4 पन बिजली घरों से मिल रही है, मगर इस प्रोजैक्ट की महत्वपूर्ण 37 किलोमीटर लम्बी मुकेरियां हाईडल नहर की स्थिति पूर्ण रूप से खस्ता हो चुकी है।
1980 में इस नहर का निर्माण हुआ था। निर्माण के समय से ही विवादों में घिरी इस नहर पर अनेक अनियमितताओं को लेकर भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 20 मई 1992 को गांव निक्कू चक्क के समीप नहर के टूट जाने से 3 सप्ताह तक चारों पन बिजली घर बंद रहे थे। राष्ट्रीय क्षति के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी इससे काफी नुक्सान हुआ था। सरकार के अनेक लुभावने सब्जबागों के अतिरिक्त लोगों को कोई मुआवजा नहीं मिला।
इसी प्रकार अक्तूबर 1995 को पन बिजली घर, रैली गांव में नहर टूटने से 4 गांव जलमग्न हो गए थे और साथ ही इस पन बिजली घर की मशीनरी या तो पानी में बह गई थी या पूरी तरह कबाड़ बन गई थी। तब लगभग 40 दिन यह नहर बंद रही थी। 1992 व 1995 में घटी घटनाओं कारण राष्ट्र को कुल मिलाकर 1,500 करोड़ रुपए की क्षति उठानी पड़ी थी।
11,500 क्यूसिक समर्था वाली नहर की दुर्दशा : इस नहर के 4 दर्जन से भी अधिक स्थानों पर असंख्य स्लैबें धंस चुकी हैं अथवा टूट चुकी हैं, मगर संबंधित विभाग मूक दर्शक बना हुआ है। जब भी इस प्रति समाचार-पत्रों में नहर की स्थिति बारे कुछ प्रकाशित होता है तो विभाग भी हरकत में आकर मुरम्मत तो करवाता है, मगर मुरम्मत रेत की बोरियों से ही की जाती है। इसे भी तकनीकी शैली से विधिपूर्वक नहीं किया जाता।
होना तो यह चाहिए कि नहर को पूरी तरह बंद करने का परमिट लेने के पश्चात नहर के उद्गम स्थल तलवाड़ा से लेकर टेल स्थल टेरकियाना गांव, जहां वह नहर ब्यास नदी में मिलती है, तक एक साथ व एक समान मुरम्मत करवाई जाए। लगभग 4 वर्ष पूर्व हुई मुरम्मत के 82 लाख रुपए अभी तक संबंधित ठेकेदार को नहीं मिले जिस कारण नई मुरम्मत के लिए कोई ठेकेदार आगे नहीं आ रहा।
क्या कहते हैं अधिकारी : जब संबंधित अधिकारी के कार्यालय में दूरभाष पर सम्पर्क किया गया तो अधिकारी सरकारी कार्य हेतु चंडीगढ़ गए हुए थे मगर विभाग के ही एक अन्य प्रतिनिधि ने बताया कि मुरम्मत हेतु राशि का आंकलन हो चुका है, टैंडर जारी होने पर कार्य आरम्भ हो जाएगा।