Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jan, 2018 09:34 AM
गुजरात चुनाव के बाद भाजपा 3 राज्यों को लेकर अलर्ट हो गई है जहां पार्टी का शासन है तथा विधानसभा चुनाव काफी नजदीक हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए पार्टी ने बड़े स्तर पर तैयारी आरंभ कर दी है। संभावना है कि 3...
जालंधर(पाहवा): गुजरात चुनाव के बाद भाजपा 3 राज्यों को लेकर अलर्ट हो गई है जहां पार्टी का शासन है तथा विधानसभा चुनाव काफी नजदीक हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए पार्टी ने बड़े स्तर पर तैयारी आरंभ कर दी है। संभावना है कि 3 राज्यों में जल्दी ही बड़े संगठनात्मक फेरबदल करके अहम बदलाव किए जा सकते हैं। इसी संबंध में हाल ही में मध्य प्रदेश व राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात भी की है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में भाजपा 15 वर्षों से सत्ता में है जबकि राजस्थान में 3 चुनावों में 2 बार बाजी भाजपा के हाथ में रही। अभी यहां पर वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा सरकार है। भाजपा गुजरात में 22 साल से सत्ता में है लेकिन इस बार के चुनावों में जिस तरह से पार्टी को जोर लगाना पड़ा, उसे देखते हुए पार्टी कोई कमी नहीं छोडऩा चाहती।
मध्य प्रदेश में बदलाव की दस्तक
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व रा’य में संगठनात्मक मजबूती के लिए प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार चौहान व प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे को बदल सकता है। सहस्रबुद्धे को हाल ही में एक अन्य अहम पद दिया गया है। ऐसे में उनकी जगह चुनाव को देखते हुए महासचिव भूपेंद्र यादव या ओम प्रकाश माथुर को प्रभारी बनाया जा सकता है। यादव अभी बिहार में गुजरात के प्रभारी हैं जबकि माथुर के पास उत्तर प्रदेश का प्रभार है। उपचुनाव पर नजर: मध्य प्रदेश अध्यक्ष के लिए रा’य में मंत्री नरोत्तम मिश्रा, सांसद प्रह्लाद पटेल, सांसद प्रभात झा के नाम चर्चा में हैं। झा पहले भी अध्यक्ष रह चुके हैं और अभी पंजाब के प्रभारी हैं। केंद्र की नजर रा’य में होने वाले विधानसभा उपचुनाव कोलारस व मुंगावली के नतीजों पर है जिसके बाद बदलाव हो सकते हैं। हाल ही में भाजपा चित्रकूट उपचुनाव हार गई थी।
राजस्थान में भाजपा को डर
राजस्थान में भाजपा के पास तेज-तर्रार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं लेकिन कांग्रेस में भी अशोक गहलोत व सचिन पायलट जैसे नेता हैं। रा’य में अक्सर हर 5 साल बाद सरकार बदलती है इसलिए भाजपा को यहां पर डर है। सूत्रों के अनुसार 2 लोकसभा उपचुनाव अलवर व अजमेर के नतीजों के बाद केंद्र्रीय नेतृत्व यहां बदलाव करेगा।
नजर रखे हुए हैं संगठन मंत्री
छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री रमन सिंह हैं। कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले अजित जोगी से भी भाजपा को राहत मिल सकती है लेकिन 15 सालों में पैदा हुए सरकार विरोधी माहौल को देखते हुए भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। यही कारण है कि केंद्रीय संगठन मंत्री राम लाल को छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी गई है तथा वह कड़ी नजर जमाए हुए हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्य नेताओं से कई बैठकें की हैं तथा रा’य की स्थिति का जायजा लिया है।
मकर संक्रांति के बाद भाजपा केंद्रीय टीम व पंजाब में होगा बदलाव
भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारी में जुट गई है। इसके तहत पार्टी केंद्रीय संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ कुछ अन्य रा’यों में बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है। जानकारी है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी चल रही है लेकिन बाकी रा’यों में जहां संगठन काफी कमजोर है वहां बदलाव के लिए काम चल रहा है। पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह ने अपनी नई टीम का ऐलान नहीं किया है। जानकारी है कि मकर संक्रांति के आसपास शाह अपनी टीम में कुछ नए चेहरे शामिल कर सकते हैं। कैबिनेट में बदलाव के बाद भी कुछ चेहरों को संगठन में जगह देना अभी बाकी है। संगठन का नया चेहरा व रंग-रूप लोकसभा चुनावों तथा कुछ रा’यों के विधानसभा चुनावों के अनुसार होगा। बदलाव के मामले में पंजाब का नाम भी है जहां संगठन बुरी हालत में है। विधानसभा चुनावों के बाद 2 उपचुनावों अमृतसर व गुरदासपुर तथा निकाय चुनावों में भाजपा की बुरी हालत हुई है। जानकारी मिली है कि कमजोर संगठन के कारण पार्टी को यहां काफी दिक्कत आ रही है। यही कारण है कि पार्टी यहां पर बदलाव की तैयारी कर रही है। इसके अतिरिक्त चंडीगढ़, दिल्ली व हरियाणा में भी कुछ बदलाव करने के मूड में पार्टी नजर आ रही है।