कभी भी बंद हो सकती है भगत पूर्ण सिंह योजना!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 01:51 PM

bhagat purna singh scheme can be closed at any time

सरकारी गुरु नानक देव अस्पताल में भगत पूर्ण सिंह योजना किसी भी समय  बंद हो सकती है। पंजाब सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों का प्रीमियम यूनाइटेड इंश्योरैंस कंपनी को अदा न किए जाने से कंपनी द्वारा अस्पताल प्रशासन को 70 लाख रुपए की राशि...

अमृतसर(दलजीत): सरकारी गुरु नानक देव अस्पताल में भगत पूर्ण सिंह योजना किसी भी समय  बंद हो सकती है। पंजाब सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों का प्रीमियम यूनाइटेड इंश्योरैंस कंपनी को अदा न किए जाने से कंपनी द्वारा अस्पताल प्रशासन को 70 लाख रुपए की राशि जारी नहीं की जा रही है जिस कारण अब कई प्राइवेट मैडीकल स्टोरों ने उधार दवा देने में आनाकानी करनी शुरू कर दी है। 

जानकारी के अनुसार अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के समय भगत पूर्ण सिंह योजना पंजाब के सरकारी अस्पतालों में शुरू की गई थी जिसके अंतर्गत मध्यम वर्ग के परिवार का कार्ड बनाकर सभी पारिवारिक सदस्यों का 1 वर्ष तक 50 हजार रुपए तक इलाज मुफ्त किए जाने का प्रावधान था। गुरु नानक देव अस्पताल में मई 2016 से योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाने लगा। अस्पताल में आने वाले मरीजों का योजना के अंतर्गत बना कार्ड देखकर सरकार द्वारा निर्धारित यूनाइटेड इंश्योरैंस कंपनी को बिल देकर पैसे ले लिए जाते। 

प्राइवेट केंद्रों ने लेने हैं लाखों रुपए 
अस्पताल प्रशासन ने योजना के अंतर्गत सस्ती दवाइयां देने के लिए प्राइवेट मैडीकल स्टोर्स के साथ तालमेल किया हुआ है। स्टोर वालों ने लाखों रुपए का सामान अस्पताल को मरीजों के इलाज के लिए दे दिया परन्तु काफी समय बीत जाने के बाद भी उनको भुगतान नहीं हुआ है। स्टोर वालों को एक और चिंता सता रही है कि अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. राम स्वरूप शर्मा की सेवानिवृत्ति इसी महीने है। यदि इसी महीने भुगतान न हुआ तो नया अधिकारी बकाया दिलाने बारे गंभीर हो या न हो, इसे लेकर वे चिंताग्रस्त हैं। 

पत्र व्यवहार के बावजूद जारी नहीं हुई राशि  
अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों का इलाज करने के उपरांत 70 लाख रुपए की बकाया राशि यूनाइटेड इंश्योरैंस कंपनी से लेने के लिए संबंधित कंपनी और उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र व्यवहार भी किया है परन्तु आज तक न तो कंपनी ने तथा न ही उच्चाधिकारियों ने पैसे दिलवाने संबंधी गंभीरता दिखाई है। मैडीकल शिक्षा और खोज विभाग तथा पंजाब सरकार की लापरवाही 
के कारण अब योजना जारी रखना अस्पताल प्रशासन के लिए काफी कठिन हो रहा है। 

योजना है जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की किरण 
भगत पूर्ण सिंह योजना जरूरतमंद मरीजों के लिए अब तक वरदान साबित हुई है। जिन लोगों के पास पैसे नहीं भी होते वे भी योजना के कार्ड के अंतर्गत अपना इलाज करवा रहे हैं। यदि योजना गुरु नानक देव अस्पताल में बंद हो जाती है तो जरूरतमंदों के लिए जो उम्मीद की किरण है, वह भी बंद हो जाएगी। पंजाब सरकार मामले को गंभीरता से ले व तुरंत प्रीमियम जारी कर कंपनी से अस्पताल प्रशासन की राशि दिलानी चाहिए ताकि कोई जरूरतमंद पैसों की कमी के चलते इलाज के अभाव में मर न जाए। 

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