बैरियर हटे, दो नंबर के माल की ढुलाई करने वाले ट्रक फिर सड़कों पर दौड़े

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 09:47 AM

barrier lost  truck carrying two numbers goods then ran on the streets

जी.एस.टी. लागू होने के बाद आर्थिक संकट में आई पंजाब सरकार ने जहां केन्द्र के आगे कई बार हाथ पसारे किन्तु केन्द्र सरकार से राहत में छोटी-मोटी रकम ही मिली। दूसरी तरफ टैक्स चोर माफिया अब इतना सरगर्म हो चुका है कि यदि इन पर अंकुश लगा लिया जाए तो शायद...

अमृतसर(इन्द्रजीत): जी.एस.टी. लागू होने के बाद आर्थिक संकट में आई पंजाब सरकार ने जहां केन्द्र के आगे कई बार हाथ पसारे किन्तु केन्द्र सरकार से राहत में छोटी-मोटी रकम ही मिली। दूसरी तरफ टैक्स चोर माफिया अब इतना सरगर्म हो चुका है कि यदि इन पर अंकुश लगा लिया जाए तो शायद पंजाब को केन्द्र से कुछ मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वस्तुत: यह स्थिति तब से बनी है जब से जी.एस.टी. लागू होने के उपरांत केन्द्र सरकार के निर्देश पर पंजाब के 38 बैरियर उठा लिए गए थे। इन टैक्स चोर माफिया के साथ एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग की काली भेड़ें भी शामिल हैं, जो इन्हें न केवल संरक्षण देती हैं, अपितु पूरी तरह से गाइड भी करती हैं और यदा-कदा यदि ऊपर से सख्ती के आर्डर आ जाएं तो इन्हें अवगत भी करवाती हैं। इनके बल पर टैक्स चोर माफिया जी.एस.टी. के सुरक्षा चक्र को तोड़ रहा है।

टैक्स चोरी की हब बने अमृतसर-जालंधर-लुधियाना
जानकार लोगों के अनुसार दो नंबर के माल में पंजाब में अमृतसर-जालंधर-लुधियाना ऐसे शहर हैं जहां से भारी मात्रा में दो नंबर का माल आता है। इसके उपरांत इन शहरों से ही छोटे शहरों में माल की सप्लाई होती है। इसके अतिरिक्त इन शहरों में बने माल की ढुलाई इन्हीें ट्रकों के माध्यम से दिल्ली भी जाती है।

हालांकि दिल्ली से आने वाले माल की मात्रा यदि 100 मानी जाए तो इन शहरों से दिल्ली की ओर जाने वाले माल की मात्रा भी 15 से 21 प्रतिशत है, इस मात्रा में भेजा जा रहा माल पंजाब सरकार को टैक्स की लेनदारी पर प्रत्यक्षत: सीधा ही प्रहार है, जबकि आने वाले माल पर टैक्स पिछली स्टेट को देना पड़ता है, क्योंकि अक्सर माल 18 से 28 प्रतिशत तक जी.एस.टी. की दर वाले होते हैं जिससे करोड़ों की टैक्स चोरी दोनों तरफ से हो जाती है। जिक्रयोग्य है कि आने वाले माल में दिल्ली से महंगी चीजों की ढुलाई ही होती है, जिनमें 20 हजार से लेकर 1 लाख रुपए का नग भी दो नंबर में आता है और एक नग के वजन की औसत 60 से 80 किलो तक होती है।

कैसे चल रहा है सड़क मार्ग पर 2 नंबर का व्यापार
इस संबंध में सूत्रों से पता चला है कि 6 से अधिक ट्रांसपोर्ट कंपनियां जो जी.एस.टी. लागू होने के बाद अपने स्टाइल बदल चुकी थीं और माल बिल के साथ आना शुरू हुआ था, किन्तु 2-3 महीनों से पंजाब के बैरियर उठा लिए जाने के उपरांत उनके लिए बिना बिल का माल लाना काफी आसान हो गया है, नतीजन इन कंपनियों ने अपने ट्रक दो नंबर के माल की ढुलाई में लगा दिए हैं। माल को लाने वाले इन ट्रकों की संख्या 40 से अधिक बताई जा रही है।

बताया जाता है कि इनमें कई ट्रक 10 से 15 टन की ढुलाई कर पाते हैं, जबकि काफी ट्रक ऐसे भी हैं जिनकी क्षमता 30 टन के करीब होती है। कुल मिलाकर यदि एक ट्रक में 18 टन ढुलाई की औसत लगाई जाए तो 40 ट्रकों मे 720 टन माल की ढुलाई हो जाती है। इनमें कुछ ट्रक तो 10 से 20 प्रतिशत बिल के साथ चलते हैं, बाकी का माल दो नंबर का होता है, बल्कि कई ट्रक तो ऐसे हैं, जो पूरे के पूरे बिना बिल के भी आ रहे हैं। यदि एक माह में इनकी कुल माल की ढुलाई का आंकड़ा बनाया जाए तो 20 से 25 हजार टन माल ढोया जाता है।

ढुलाई का भाड़ा कितना
यदि माल की ढुलाई के भाड़े का जिक्र करें तो बिल के साथ माल यदि दिल्ली अथवा इतनी दूरी से मंगवाया जाता है तो एक रुपए से डेढ़ रुपए तक प्रति किलो कंपनियां चार्ज करती हैं, किन्तु दो नंबर के माल की ढुलाई का फ्रेट 6 रुपए से लेकर 11 रुपए किलो तक वसूल किया जाता है।पता चला है कि दो नंबर का काम करने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनियां तो अपने कारोबार करने के लिए करोड़ों रुपए के ट्रक खरीद कर अथवा बड़े-बड़े गोदामों का किराया भरकर मात्र इस कमाई का 20 प्रतिशत हिस्सा नहीं ले पातीं, जबकि विभाग की काली भेड़े 80 प्रतिशत कमाई खा रही हैं। हैरानी का बात है कि संबंधित विभाग सब कुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठा है।

काम छोडऩे वालों पर अधिक गिरती है गाज
मजेदार बात है कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद बड़ी संख्या में ऐसे ट्रांसपोर्टर थे, जो बिना बिल के माल से हाथ खड़े कर बैठे थे, किन्तु विभाग की काली भेड़ें उन्हें जीने नहीं देती थीं, बिना वजह उनके माल की चैकिंग की जाती थी और तंग किया जाता था, उनसे तंग आकर कई लोगों ने फिर से दो नंबर का माल ढोना शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त कई विभागीय गुर्गे ऐसे भी हैं, जो अन्य विभागों को जानकारी देकर फंसाने के नाम पर भी खपतकारों को ब्लैकमेल करते हैं।

सी.बी.आई. से जांच की मांग
इस संबंध में व्यापारी नेता एवं आर.टी.आई. एक्टीविस्ट सुनील अरोड़ा ने इस मामले को लेकर केन्द्र सरकार से मांग की है कि उक्त विभाग की काली भेड़ों से निपटने के लिए इस दो नंबर की चेन की जांच सी.बी.आई से करवाई जाए, क्योंकि इनके द्वारा की गई दो नंबर की कमाई करोड़ों में हो चुकी है और इसमें विभागीय जांच कारगर सिद्ध नहीं हो सकती।

आयकर विभाग भी कर सकता है जांच
इस संबंध में बड़ी संख्या में व्यापारियों ने मांग की है कि विभागीय गुर्गों की इस धांधली की जांच आयकर विभाग से करवाई जाए, तथा जनता और सरकार का रुपया वापस दिलाया जाए। सरकार ने कहा कि यदि कोई व्यापारी टैक्स चोरी करता है तो उसके लिए जुर्माना और सजा का प्रावधान है, किन्तु यदि विभाग के इस में शामिल होंतो इसके लिए भी कानून की सख्त धाराएं हों।

क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध पंजाब प्रदेश एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग की डायरैक्टर मैडम नवजोत कौर ङ्क्षभडर ने कहा कि मामले की तह तक पहुंच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी और टैक्स चोरी के इस नैक्सस को तोड़ा जाएगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!