Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 03:00 PM
सिविल अस्पताल प्रशासन उस समय हरकत में आ गया जब जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए पंघूड़े में एक लावारिस नव जन्मी बच्ची को कोई व्यक्ति डाल गया। पंघूड़ा घर के आगे लगाई खिड़की पर जब घंटी बजी तो घंटी की आवाज सुनते ही जच्चा-बच्चा केन्द्र की गुरप्रीत कौर ने...
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): सिविल अस्पताल प्रशासन उस समय हरकत में आ गया जब जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए पंघूड़े में एक लावारिस नव जन्मी बच्ची को कोई व्यक्ति डाल गया। पंघूड़ा घर के आगे लगाई खिड़की पर जब घंटी बजी तो घंटी की आवाज सुनते ही जच्चा-बच्चा केन्द्र की गुरप्रीत कौर ने फौरी तौर पर पंघूड़े में से बच्ची को उठाया व इस संबंधी डाक्टरों को सूचित किया।
सिविल अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. अविनाश बांसल ने यह सूचना डी.सी. बरनाला को दी। डिप्टी कमिश्रर बरनाला ने मौके पर सहायक कमिश्रर (शिकायतें) डा. हिमांशु गुप्ता को भेजा। उनके साथ रैडक्रॉस के सचिव विजय गुप्ता भी थे। उन्होंने डाक्टरों से नव जन्मी बच्ची की सेहत बारे पूछा तो डाक्टरों ने बताया कि बच्ची सिर्फ 24 सप्ताह की ही प्री-मैच्योर पैदा हुई है। इसका वजन सिर्फ 600 ग्राम के करीब है। बाद में बच्ची की मौत हो गई।