Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 11:02 AM
क्षेत्र में पड़ रही धुंध व सर्दी को देखते हुए मंगलवार को जिला ए.डी.सी. ने सरकारी, अद्र्ध सरकारी, प्राइवेट, प्राइमरी व सैकेंडरी स्कूलों का सुबह का समय बदलकर 10 बजे कर दिया था परंतु जिले में आंगनबाड़ी सैंटरों का समय तबदील न किए जाने से छोटे-छोटे बच्चे...
संगरूर (विवेक सिंधवानी,यादविन्द्र): क्षेत्र में पड़ रही धुंध व सर्दी को देखते हुए मंगलवार को जिला ए.डी.सी. ने सरकारी, अद्र्ध सरकारी, प्राइवेट, प्राइमरी व सैकेंडरी स्कूलों का सुबह का समय बदलकर 10 बजे कर दिया था परंतु जिले में आंगनबाड़ी सैंटरों का समय तबदील न किए जाने से छोटे-छोटे बच्चे आज सर्दी व धुंध में पहले वाले समय पर आने के लिए मजबूर हुए।
वर्णनीय है कि ए.डी.सी. उपकार सिंह ने मंगलवार को खराब मौसम को देखते हुए जिले में आते सारे स्कूलों का समय तबदील करने के आदेश जारी किए थे जबकि जिले के आंगनबाड़ी सैंटर जहां 2 से लेकर 6 वर्ष तक के नन्हे-मुन्ने बच्चे आते हैं, उनका समय तबदील नहीं किया जबकि पंजाब में विभिन्न जिलों में स्कूलों के साथ साथ आंगनबाड़ी में आते छोटे बच्चों को ध्यान में रखते हुए सैंटरों के सुबह लगने का समय बदल दिया था। इसके अलावा जिला शहीद भगत सिंह नगर में तो वहां के जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा पड़ रही सर्दी व धुंध को देखते हुए जिले के आंगनबाड़ी सैंटरों में 6 जनवरी तक छुट्टियां कर दीं।
बैंचों का नहीं है प्रबंध
पड़ रही सर्दी के मौसम में आंगनबाड़ी सैंटरों में बच्चे नीचे टाटों पर ही बैठे थे व कई सैंटरों में तो टाट बहुत पुराने व फटे हुए थे। सैंटरों में बच्चों के बैठने के लिए बैंचों आदि का प्रबंध नहीं था। आंगनबाड़ी यूनियन की राज्याध्यक्ष ऊषा रानी ने कहा कि सैंटरों में बच्चों के बैठने के लिए सरकार प्रबंध नहीं करती व कई सैंटरों में राशन नहीं है वहां राशन भेजने का प्रबंध करे। यूनियन की नेता मनदीप कुमारी व सर्बजीत कौर ने कहा कि शहर के किराए की इमारतों में चल रहे सैंटरों का किराया कई महीनों से बकाया पड़ा है व सरकार इनका किराया जल्दी उपलब्ध करवाए।
धुंध व ठंड में आए बच्चे
पंजाब केसरी टीम ने जब शहर के महल मुबारक कालोनी,प्रेम बस्ती नगर,अनाज मंडी में आंगनबाड़ी सैंटरों सहित गांव कांझला,पेधनी व सलेमपुर सहित अन्य जगहों का दौरा किया तो देखा हैल्परों द्वारा बच्चों को सैंटरों में लाया जा रहा था बच्चे ठंड अधिक पड़ने से गर्म कपड़े पहने होने के बावजूद भी कांप रहे थे।