Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 04:45 PM
पंजाब में कपास का गढ़ मालवा प्रमुख रूप से कैंसर बेल्ट के रूप में जाना जाता है। पर अब इसका स्थान अमृतसर और लुधियाना ने ले लिया है।
बठिंडाः पंजाब में कपास का गढ़ मालवा प्रमुख रूप से कैंसर बेल्ट के रूप में जाना जाता है। पर अब इसका स्थान अमृतसर और लुधियाना ने ले लिया है।
मुख्यमंत्री कैंसर राहत कोष में सहायता के लिए इन दोनों जिलों के काफी संख्या में मरीज पहुंचे है। इन दोनों जिलों ने बठिंडा,मानसा तथा मुक्तसर को पीछे छोड़ दिया है। अब तक मालवा को कपास के खेती के लिए प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशकों के इस्तेमाल के कारण कैंसर बेल्ट के रूप में जाना जाता था।
अधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि राज्य सरकार ने जनवरी 2012 से 23 अगस्त 2017 तक पूरे पंजाब में कैंसर के 42,564 मामलों के लिए 539.16 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी की थी। पंजाब स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार अमृतसर में 4692 ,लुधियाना 4052,बठिंजा में 3250,गुरदासपुर में 2859,जालंधर में 2801 तथा तरनतारन में 2204 कैंसर मरीज पाए गए हैं। तरनतारन तथा अमृतसर माझा में जबकि जालंधर दोआबा क्षेत्र में आता है। इसके चलते यहां मरीजों का अधिक होना हैरानीजनक है। इस तरफ सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।