Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 08:56 AM
अकाली-भाजपा के प्रमुख नेताओं का एक शिष्टमंडल सोमवार शाम को सुखबीर बादल के नेतृत्व में पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर को मिला तथा म्यूनिसिपल चुनाव में सत्तापक्ष पर नामांकन के समय लोकतंत्र का हनन करने के आरोप लगाते हुए इसकी हाईकोर्ट के सिटिंग जज...
चंडीगढ़ (भुल्लर): अकाली-भाजपा के प्रमुख नेताओं का एक शिष्टमंडल सोमवार शाम को सुखबीर बादल के नेतृत्व में पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर को मिला तथा म्यूनिसिपल चुनाव में सत्तापक्ष पर नामांकन के समय लोकतंत्र का हनन करने के आरोप लगाते हुए इसकी हाईकोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में न्यायिक जांच करवाने की मांग की है। साथ ही म्यूनिसिपल चुनाव में अद्र्धसैनिक बल तैनात करने की मांग भी उठाई गई है। शिष्टमंडल में सुखबीर के साथ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विजय सांपला, अकाली दल के वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींडसा, डा. दलजीत सिंह चीमा, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल शामिल थे।
राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य चुनाव आयुक्त भी सरकार के दबाव के कारण अपनी भूमिका निभाने में पूरी तरह बेबस हो चुका है तथा पुलिस अधिकारी भी विधायकों व कांग्रेसी नेताओं के इशारे पर काम कर रहे हैं। फिरोजपुर के मल्लांवाला व मक्खू नगर पंचायतों का उदाहरण देते हुए राज्यपाल को बताया गया कि चुनाव को जब्री हथियाने के लिए स्थानीय कांग्रेसी विधायक कुलबीर सिंह जीरा के इशारे पर नामांकन पत्र दाखिल करने गए अकाली-भाजपा नेताओं पर घातक हमले किए गए जिसमें अकाली दल के वरिष्ठ नेता घायल हुए। इस समय सत्तापक्षीय लोगों ने सरेआम फायरिंग व गाडिय़ों की तोड़-फोड़ भी की। पुलिस वाले भी खुलेआम सत्तापक्ष के लोगों का साथ देते रहे।
कैप्टन बताएं कि मुख्यमंत्री वह हैं या जाखड़: सुखबीर
शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा दिए गए बयान पर सख्त आपत्ति व्यक्त की है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि वह बताएं कि मुख्यमंत्री वह हैं या जाखड़। जिक्रयोग्य है कि पिछले दिनों डी.आई.जी. स्तर के अधिकारी ने अकाली दल की अन्य मांगें मंजूर करने के साथ ही उन पर दर्ज केसों में से धारा 307 को हटाने का ऐलान किया था परंतु गत दिवस जाखड़ ने नवजोत सिंह सिद्धू की मौजूदगी में प्रैस कांफ्रैंस करके इसके विपरीत घोषणा की कि अकालियों के खिलाफ लगी धारा 307 नहीं हटाई जाएगी। सुखबीर ने जाखड़ की घोषणा पर सख्त रोष प्रकट करते हुए कहा कि ऐसा बयान राज्य के डी.जी.पी. ही दे सकते हैं।