एयर कंडीशंड होटलों में बैठकर होती हैं प्रदूषण संबंधी बैठकें व सैमीनार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 10:40 AM

air conditioners are sitting in hotels pollution related meetings and seminars

प्रदूषण समस्या दिन-प्रतिदिन इतनी गम्भीर होती जा रही है कि इससे अब मानव सहित हर जीव-जन्तु प्रभावित हो रहा है। आजकल तो इस प्रदूषण समस्या की ही चर्चा चारों तरफ हो रही है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों की प्रदूषण समस्या ने तो देश को हिलाकर रख...

गुरदासपुर(विनोद): प्रदूषण समस्या दिन-प्रतिदिन इतनी गम्भीर होती जा रही है कि इससे अब मानव सहित हर जीव-जन्तु प्रभावित हो रहा है। आजकल तो इस प्रदूषण समस्या की ही चर्चा चारों तरफ हो रही है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य राज्यों की प्रदूषण समस्या ने तो देश को हिलाकर रख दिया है।

इस संबंधी पर्यावरण बचाओ संगठन भी सक्रिय हैं परंतु अधिकतर संगठन एयर कंडीशंड होटलों में बैठकर सैमीनार करने या मंत्रियों से फंड बटोरने तक सीमित होकर रह गए हैं। इस समय वायु प्रदूषण सहित ध्वनि प्रदूषण भी अब एक मुख्य समस्या के रूप में उभर कर सामने आ रहा है।

उद्योगपति बोले, विभाग में रिश्वत का बोलबाला
इस संबंधी औद्योगिक घरानों व ईंट-भट्ठा मालिक और स्टोन क्रशर मालिकों ने अपना नाम गुप्त रखने के आश्वासन पर बताया कि प्रदूषण विभाग हम पर प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए दबाव तो डालता है परंतु इस विभाग के पास प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। प्रदूषण को रोकने के लिए अपनी मर्जी से यंत्र लगा भी लिए जाएं तो भी समस्या बनी रहती है क्योंकि विभाग के अधिकारियों द्वारा पंजाब भर में दो-तीन फर्मों को ही इस तरह के सर्टीफिकेट जारी करने या यंत्र बेचने के लिए अधिकृत कर रखा है। लोगों के अनुसार विभाग में रिश्वत का बोलबाला है।

समय के साथ पंजाब में वाहनों, औद्योगिक इकाइयों, ईंट-भट्ठों, स्टोन क्रशरों सहित अन्य छोटे-बढ़े उद्योग की संख्या में रिकार्ड वृद्धि हुई है जिसके लिए वृक्षों को काटा जा रहा है और नए वृक्ष लगाने के लिए उतनी कोशिश नहीं की जा रही, जितनी जरूरत है। वाहनों से निकलते धुएं, औद्योगिक इकाइयों की चिमनियों से निकलते जहरीले धुएं सहित अन्य कई साधनों से वातावरण में ऐसी कई जहरीली गैसें शामिल हो जाती हैं जो मानव के लिए ही नहीं बल्कि जीव-जन्तुओं के लिए भी खतरा बन गई हैं। इसी तरह से ध्वनि प्रदूषण भी मानव जीवन के लिए अब एक बहुत बड़ा खतरा बनता जा रहा है।

ये हैं प्रदूषण फैलने के मुख्य कारण
यदि जिला गुरदासपुर का सर्वे किया जाए तो पता चलता है कि इस जिले में बेशक बहुत अधिक औद्योगिक इकाइयां नहीं हैं, परंतु फिर भी राइस शैलर, स्टोन क्रशर, कुपला भट्ठियां, कोयला बनाने वाली भट्ठियां, वाहनों की बढ़ती संख्या, वृक्षों की लगातार हो रही कटाई जिम्मेदार हैं। विवाह समारोह में ऊंची ध्वनि में डी.जे. सिस्टम बजाना, धार्मिक कार्यक्रमों पर ऊंची ध्वनि में धार्मिक गाने पेश करना,वाहनों में प्रैशर हॉर्न लगाने सहित कई तरह के अन्य कारण हैं, जो ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण बनते हैं। इस संबंधी जिला मैजिस्ट्रेट द्वारा समय-समय पर कई तरह के आदेश भी जारी किए जाते हैं परंतु इन आदेश के जारी होने के बावजूद यह क्रम लगातार जारी है।

क्या कहते हैं डाक्टर
इस संबंधी जब गुरदासपुर के प्रसिद्ध डाक्टर के.एस.बब्बर से बात की गई तो उनका कहना था कि प्रदूषण समस्या दिन-प्रतिदिन गम्भीर होती जा रही है। जितने भी मरीज हमारे पास आते हैं उनमें से अधिकतर किसी न किसी तरह के प्रदूषण का शिकार होते हैं। समय के साथ हर तरह का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और अब हालत यह है कि बाजार में मिलने वाला अनाज, सब्जी व फल आदि भी प्रदूषित मिलते हैं। यही कारण है कि नई-नई बीमारियां जन्म ले रही हैं। डाक्टर बब्बर के अनुसार प्रदूषित पानी पीने से हैजा, दस्त, पीलिया, हैपेटाइटिस सहित अन्य कई तरह की बीमारियां फैलती हैं।

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