Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 11:55 AM
शहर के बाहर उपायुक्त कार्यालय के नजदीक पंजाब सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर सरकारी अस्पताल की शानदार व बहुत बड़ी इमारत बनाई थी परंतु आजकल यह सिविल अस्पताल यहां आने वाले मरीजों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है, क्योंकि यहां डॉक्टरों की कमी खल रही...
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): शहर के बाहर उपायुक्त कार्यालय के नजदीक पंजाब सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर सरकारी अस्पताल की शानदार व बहुत बड़ी इमारत बनाई थी परंतु आजकल यह सिविल अस्पताल यहां आने वाले मरीजों के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है, क्योंकि यहां डॉक्टरों की कमी खल रही है जिस कारण यहां आने वाले मरीज परेशान हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग व पंजाब सरकार लोगों को अच्छी व सस्ती सुविधाएं देने के भले दावे कर रहे हैं परंतु स्वास्थ्य विभाग के कई अस्पताल खुद बीमार हैं।
कौन-कौन से डॉक्टरों की है कमी
सिविल अस्पताल श्री मुक्तसर साहिब में कई मुख्य डॉक्टरों की कमी है जिनमें मुख्य तौर पर ऑर्थाे (हड्डियों वाला डॉक्टर), सर्जन, मैडीसिन, मनोरोग चिकित्सक व स्किन स्पैशलिस्ट आदि शामिल हैं। नशा छुड़ाओ केन्द्र इसी कारण बंद पड़ा है क्योंकि वहां मनोरोग चिकित्सक नहीं है, बच्चों की बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टरों के 4 पद बताए जा रहे हैं जिनमें से 3 खाली पड़े हैं व बच्चों का एक ही डॉक्टर है।
इसके अतिरिक्त रेडियोलॉजिस्ट, फैथोलॉजिस्ट व अल्ट्रासाऊंड करने वाला कोई नहीं है। सबसे बडी त्रासदी इस क्षेत्र के लिए यह है कि जब भी कोई एक्सीडैंट होता है व लोग घायल हो जाते हैं तो उक्त सरकारी अस्पताल में ऑर्थो व सर्जन न होने के कारण गंभीर हालत वाले मरीजों को अन्यों शहरों के अस्पतालों में रैफर कर दिया जाता है जिस कारण कई बार घायल मरीज रास्ते में ही दम तोड़ जाते हैं।
विभाग व सरकार को भेजा है पत्र : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन श्री मुक्तसर साहिब डॉ. सुखपाल सिंह बराड़ का कहना है कि सरकारी अस्पताल श्री मुक्तसर साहिब में डाक्टरों की कमी बारे उनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग व पंजाब सरकार को लिखकर भेजा हुआ है। जब भी सरकार खाली पड़े पद पर डॉक्टरों को भेज देगी तो मरीजों को सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी।