Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 04:46 PM
आप व लिप के सीनियर नेताओं की कई मीटिंगें होने के बावजूद नगर निगम चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हो पाया है। जिसकी बड़ी वजह बैंस ब्रदर्स व भोला ग्रेवाल के बीच चल रही खींचतान के रूप में सामने आई है, जो कभी करीबी दोस्त रहे हैं। अब उनकी खटास...
लुधियाना (हितेश): आप व लिप के सीनियर नेताओं की कई मीटिंगें होने के बावजूद नगर निगम चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हो पाया है। जिसकी बड़ी वजह बैंस ब्रदर्स व भोला ग्रेवाल के बीच चल रही खींचतान के रूप में सामने आई है, जो कभी करीबी दोस्त रहे हैं। अब उनकी खटास के साथ टिकटों का फैसला करने में देरी बढ़ती ही जा रही है। शनिवार रात्रि को खुद आप कन्वीनर भगवंत मान द्वारा टिकटों के बंटवारे का फैसला होने का दावा कर रविवार को उसका ऐलान करने की जो घोषणा की थी उससे संबंधित मीटिंग ही नहीं हो पाई है।
यहां बताना उचित होगा कि भोला ग्रेवाल ने आजाद कौंसलर जीतने के अलावा अकाली दल में रहने व बाहर आने दौरान बैंस का साथ दिया था, लेकिन वि.स. चुनाव में जब बैंस ने नवजोत सिद्धू के साथ ग्रुप बना लिया तो भोला ने आप पार्टी ज्वाइन कर ली। हालांकि बाद में बैंस का भी आप के साथ समझौता हो गया, जबकि भोला के साथ उनके संबंध खराब होते चले गए, जिसके संकेत वि.स. चुनाव के समय बैंस ग्रुप द्वारा ईस्ट हलका में आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे भोला की मदद न करने से मिल गए थे। अब भोला ग्रेवाल आप के जिलाध्यक्ष हैं, जबकि बैंस द्वारा भोला के हलका ईस्ट में ही कई लोगों को नगर निगम चुनाव के लिए लोक इंसाफ पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जिसे लेकर खुलेआम विरोध करते हुए भोला द्वारा बैंस पर फायदे की राजनीति करते हुए गठबंधन धर्म न निभाने के आरोप तक लगा दिए गए थे। इस खींचतान में एक बार तो आप व बैंस ग्रुप का गठजोड़ टूटने की नौबत आ गई थी लेकिन आप पार्टी की हाईकमान द्वारा दखल देने पर मामला शांत हुआ। दोनों पार्टियों के नेताओं की ज्वाइट कमेटी बनाई गई है।
मीटिंगों में लगभग आधी सीटों पर तो फैसला हो गया था, जबकि बाकी सीटों को लेकर भगवत मान, सुखपाल खेड़ा व अमन अरोड़ा की बैंस ब्रदर्स के साथ कई मीटिंग होने के बावजूद कोई हल नहीं निकला। इसकी वजह बैंस व भोला ग्रेवाल की कड़वाहट के रूप में सामने आई है। बैंस ने साऊथ व आत्म नगर हलका से कोई भी सीट आप पार्टी को देने से साफ इंकार कर दिया है। हालांकि वह वि.स. चुनाव में अपने हिस्से आई सैंट्रल व उतरी सीट में से कुछ वार्ड आप पार्टी को देने के लिए सहमत हुए हैं लेकिन मेन पंगा वैस्ट व ईस्ट सीटों को लेकर फंसा हुआ है।इस विवाद का हल निकालने के लिए आप की सीनियर लीडरशिप को कई बार यहां आकर बैंस ग्रुप के साथ लम्बी मीटिंगें करनी पड़ी। शनिवार रात को खुद भगवंत मान ने मीडिया के सामने दावा किया कि सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। जिसके तहत मजबूत दावेदारों को आधार बनाकर फैसला किया गया है। जिस पर दोनों पार्टियों का कोई नेता खुलेआम विरोध नहीं करेगा, बल्कि अगर जरूरत पड़ी तो उम्मीदवार के हिसाब से आपस में चर्चा करके वार्ड को बदला जा सकता है। इस बारे लिस्ट जारी करने के लिए रविवार का समय तय किया गया लेकिन तय शैड्यूल मुताबिक चंडीगढ़ में मीटिंग ही नहीं हो पाई है। जिसे लेकर चर्चा है कि जो सीटें वि.स. चुनाव में आप पार्टी के पास थी और अब बैंस ने वहां से अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं। जिस पर भोला द्वारा किसी कीमत पर सहमत न होने के कारण विवाद हल होने का नाम ही नहीं ले रहा है।