Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 09:07 AM
एक तरफ राज्य में डेंगू व चिकनगुनिया ने पैर पसार रखे हैं। वहीं अगले दिनों में स्वास्थ्य विभाग को स्वाइन फ्लू से भी जूझना पड़ सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को लोगों, समाजसेवी संस्थाओं की सहायता की जरूरत तो पड़ती ही है लेकिन सबसे पहले इन बीमारियों...
मोगा (संदीप): एक तरफ राज्य में डेंगू व चिकनगुनिया ने पैर पसार रखे हैं। वहीं अगले दिनों में स्वास्थ्य विभाग को स्वाइन फ्लू से भी जूझना पड़ सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को लोगों, समाजसेवी संस्थाओं की सहायता की जरूरत तो पड़ती ही है लेकिन सबसे पहले इन बीमारियों के प्रति लोगों को बचाव संबंधी जागरूक करने व इन्हें रोकने हेतु प्राथमिक तौर पर प्रभावी कदम उठाने के लिए विभाग में विशेष तौर पर तैनात किए मल्टीपर्पज हैल्थ वर्करों की जरूरत पड़ती है, जो ऐसी मुहिम में विशेष योगदान देते हैं।
अगर मोगा जिले में इन कर्मचारियों की बात करें तो यहां इनके एक-तिहाई पद पिछले कई सालों से खाली ही पड़े हैं, जिस कारण जागरूकता व प्राथमिक कदमों की कमी के चलते जिले में डेंगू ने पैर पसार रखे हैं और इसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ये हालात जिला स्वास्थ्य विभाग के डेंगू संबंधी प्रबंध करने के बड़े-बड़े दावों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। जिले के 5 ब्लाकों में मल्टीपर्पज हैल्थ वर्कर (मेल) के कुल 99 पद हैं, जिनमें से 77 पद खाली पड़े हैं। सिर्फ 22 पदों पर ही संबंधित कर्मियों की तैनाती है।
यह है जिले के विभिन्न ब्लाकों में संबंधित कर्मचारियों का स्टेटस
जिले के ढुढीके ब्लाक में 24 मल्टीपर्पज हैल्थ वर्कर (मेल) के पद हैं, जिनमें से 18 पद खाली पड़े हैं। इसी तरह ब्लाक ठठीभाई में 21 पदों में से 12 खाली हैं। ब्लाक डरोलीभाई में 17 पदों में से 15 खाली हैं। ब्लाक कोटईसे खां में 19 पदों में से 16 खाली हैं। ब्लाक पतो हीरा सिंह 17 में से 12 खाली हैं। यहीं नहीं अगर जिला स्तरीय सिविल अस्पताल की बात करें तो यहां सिर्फ एक ही मल्टीपर्पज हैल्थ वर्कर का पद है, वह भी पिछले समय से खाली पड़ा है।