Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 10:02 AM
सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही फॉग (धुंध) का बढ़ता कहर मानव जिंदगियां लील रहा है। जिला फिरोजपुर व जिला फाजिल्का की अगर बात करें तो यहां पर बीते 2 वर्षों के भीतर ही सड़क हादसों में 379 लोग अकाल मौत का ग्रास बन गए। इन हादसों में 263 लोग गंभीर तौर...
जलालाबाद(गुलशन): सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही फॉग (धुंध) का बढ़ता कहर मानव जिंदगियां लील रहा है। जिला फिरोजपुर व जिला फाजिल्का की अगर बात करें तो यहां पर बीते 2 वर्षों के भीतर ही सड़क हादसों में 379 लोग अकाल मौत का ग्रास बन गए। इन हादसों में 263 लोग गंभीर तौर पर घायल हुए।
उक्त दोनों जिलों की पुलिस ने सड़क हादसों को अंजाम देने के आरोप में 378 आरोपियों के विरुद्ध मुकद्दमे दर्ज किए। जिला फिरोजपुर व फाजिल्का पुलिस के अधीन पड़ते विस क्षेत्रों में पुलिस द्वारा दुर्घटनाग्रस्त प्रॉन एरिया (ब्लैक होल) के तौर पर 20 स्थानों की पहचान की है।
हैरानीजनक बात यह है कि ब्लैक होल निर्धारित एरिया में सड़क हादसों को रोकने व वाहन चालकों को इन एरिया की पहचान के लिए ब्लिकर्ज व साइन बोर्ड नहीं लगाए गए हैं, जबकि लोक निर्माण विभाग दावा कर रहा है कि उनकी ओर से वाहन चालकों को दुर्घटनाग्रस्त एरिया संबंधी जानकारी देने के लिए साइन बोर्ड व ब्लिकर्ज लगाए गए हैं, परन्तु धरातल पर वास्तविकता इसके विपरीत है।
एन.जी.ओज करते हैं रिफ्लैक्टर लगाने में सहयोग
सर्दी के मौसम में कोहरे को देखते हुए वाहन चालकों को सड़क हादसों से बचाने के लिए शहर के विभिन्न गैर-सरकारी संगठन (एन.जी.ओज) पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर सड़कों पर रिफ्लैक्टर लगाते हैं, ताकि होने वाले सड़क हादसों को कम किया जा सकता है।
पिछले 2 वर्षों में फाजिल्का जिले में हुए सड़क हादसे
पुलिस रिकार्ड में दर्ज सड़क हादसों के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में 77 व्यक्ति हादसों में अकाल मौत का ग्रास बने, जबकि 83 व्यक्ति गंभीर तौर पर घायल हुए। सड़क हादसों के मामले में फाजिल्का पुलिस ने 89 लोगों पर मुकद्दमा दर्ज किया, जबकि वर्ष 2017 में अब तक सड़क हादसों में 73 लोगों की मौत हो गई और 53 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। फाजिल्का पुलिस ने सड़क हादसों के संदर्भ में 88 मुकद्दमे दर्ज किए।
कौन-से चौक हैं ब्लैक होल एरिया में शामिल
जिला पुलिस के अनुसार फाजिल्का व फिरोजपुर में जिन ब्लैक होल एरिया को चिन्हित किया है उनमें शहर के मध्य पड़ता नीम वाला चौक, शहीद भगत सिंह चौक, अराइयांवाला चौक, बस स्टैंड व टिवाना मोड शामिल हैं, परन्तु उक्त एरिया में लोक निर्माण विभाग अथवा पुलिस प्रशासन द्वारा वाहन चालकों को दुर्घटनाग्रस्त एरिया संबंधी जागरूक करने के लिए साइन बोर्ड या ङ्क्षब्लकर्ज नहीं लगाए गए हैं।
जिला फिरोजपुर में सड़क हादसों में बढ़ा मौत दर का आंकड़ा
फिरोजपुर जिले में बीते वर्ष 2016 में पुलिस ने सड़क हादसे के 109 मुकद्दमे दर्ज किए, जबकि इन हादसों में 111 लोगों की मौत हो गई व 14 लोग गंभीर तौर पर घायल हुए। पुलिस ने सड़क हादसों को अंजाम देने के आरोप में 83 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। वर्ष 2017 में जनवरी से लेकर अब तक जिला फिरोजपुर में हुए सड़क हादसों में 114 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि 113 लोग गंभीर घायल हो गए। पुलिस ने जनवरी से लेकर अब तक सड़क हादसों के मामले में 92 मुकद्दमे दर्ज कर 70 लोगों को गिरफ्तार किया है।
जिला फिरोजपुर में नहीं हैं ब्लैक होल : जिला यातायात प्रभारी
जिला फिरोजपुर के यातायात प्रभारी रवि कुमार ने कहा कि जिले में किसी भी स्थान पर ब्लैक होल नहीं हैं। एक ही स्थान पर 10 सड़क हादसे होने व 7 लोगों की मौत होने पर उस स्थान को ब्लैक होल का नाम दिया जाता है। जिले के अधीन पड़ते 13 पुलिस स्टेशनों से प्रत्येक वर्ष सड़क हादसों के बारे में रिपोर्ट मांगी जाती है परन्तु सड़क हादसों के संदर्भ में अभी तक विभाग के पास किसी भी थाने से ब्लैक होल होने संबंधी कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
लोक निर्माण विभाग ने ब्लैक स्पॉट सर्कल को किया कवर : वरिष्ठ अभियंता पी.डब्ल्यू.डी.
लोक निर्माण विभाग फिरोजपुर के वरिष्ठ अभियंता कुलदीप सिंह ने कहा कि धुंध के मौसम व रात्रि के समय सड़क हादसों को रोकने के लिए चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट सर्कल को लोक निर्माण विभाग द्वारा कवर किया गया है। फिरोजपुर से ममदोट रोड पर विभाग द्वारा सड़क पर रबड़ स्ट्रिप, साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इसके अलावा फिरोजपुर से जीरा रोड, फाजिल्का व अबोहर रोड पर भी ब्लैक स्पॉट एरिया में वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए ङ्क्षब्लकर्ज व साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन सर्कल व नैशनल हाईवे पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें : पुलिस अधीक्षक
जिला फाजिल्का के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. केतन बलिराम पाटिल ने कहा कि देश में सर्वाधिक मौत दर का कारण सड़क हादसे हैं। लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों के पीछे मुख्य कारण वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का पालन न करना है। पुलिस प्रशासन व जिला परिवहन विभाग द्वारा संयुक्त तौर पर जनवरी में वाहन चालकों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाता है। डा. पाटिल ने कहा कि सतर्कता में ही सुरक्षा है इसलिए वाहन चालकों को चाहिए कि वे गाड़ी चलाते समय ट्रैफिक नियमों का ध्यान रखें।