Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 08:15 AM
शहर में धड़ल्ले से चल रही दड़े-सट्ïटे की दुकानों को बंद करवाने हेतु इंडस्ट्रियल एरिया की एक संस्था नेमुहिम चलाई हुई है। उसने मुहिम को आगे बढ़ाते हुए शहर की पुलिस डिवीजन नंबर 1, 2,8 के इलाकों में दड़े-सट्टे की 50 से अधिक दुकानें चलाने वाले ऐसे 2...
जालन्धर (राज शर्मा): शहर में धड़ल्ले से चल रही दड़े-सट्टे की दुकानों को बंद करवाने हेतु इंडस्ट्रियल एरिया की एक संस्था नेमुहिम चलाई हुई है। उसने मुहिम को आगे बढ़ाते हुए शहर की पुलिस डिवीजन नंबर 1, 2,8 के इलाकों में दड़े-सट्टे की 50 से अधिक दुकानें चलाने वाले ऐसे 2 पार्टनरों की पहचान की है जिनके नाम ‘क’ अक्षर से शुरु होता है।
ये दुकानें, जो थानों से महज 100 मीटर के दायरे के अंदर चल रही हैं, जिससे साफ होता कि इन दड़े-सट्टे की दुकानों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। ये दुकानें ज्यादातर मजदूर वर्ग के इलाकों में ही स्थित हैं। 10 के 100 रुपए के चक्कर में दिहाड़ी करने वालों का एक बड़ा वर्ग इन सट्ïटे की दुकानों में अपने खून-पसीने की कमाई लुटा रहा है।सट्टा माफिया इन लोगों के सारे रुपए ठग खुद करोड़ों के वारे-न्यारे कर रहा है और इस कमाई का एक बड़ा हिस्सा पुलिस और राजनीतिज्ञों तक पहुंचाया जाता है ताकि इस धंधे को कोई आंच न आए तभी तो सब जानते हुए भी पुलिस खामोश है।
आधी रात तक खुली रहती हैं दड़े-सट्ïटे की दुकानें
आम दुकानदारों पर पुलिस प्रशासन के सभी नियम लागू हैं परन्तु इन दड़े-सट्टे की दुकानों के बंद होने व खुलने का न तो कोई समय है और न ही इन पर कोई नियम-कानून लागू होता है। पुलिस प्रशासन की जेबें गर्म करने के बाद सुबह से लेकर रात 12 बजे तक ये दुकानें सरेआम खुली रहती हैं। न तो इन्हें कोई बंद करवाने आता है और न ही कोई इन्हें पूछने वाला।
इन इलाकों में हैं ‘क’ अक्षर वालों की दुकानें
‘क’ अक्षर वाले दोनों पार्टनरों की इन दुकानों का जाल बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। ये दुकानें राम नगर, सईपुर रोड, इंडस्ट्रियल एरिया, महाकाली मंदिर रोड, सोढल रोड, टांडा रोड, वर्कशाप चौक, छोटा सईपुर की सब्जी मंडी, फोकल प्वाइंट, मकसूदां, जिदां रोड, संतोखपुरा के एरिया में हैं।