Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 05:43 AM
टिब्बा रोड के महात्मा एन्क्लेव में वीरवार शाम को अनियंत्रित हुई तेज रफ्तार कार एक घर के बाहर फर्श पर बैठे 4 बच्चों पर चढ़ गई है। इसमें 7 साल के एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि 3 अन्य घायल हो गए। जिनमें एक बच्चे को सीरियस हालत में चंडीगढ़ रोड के एक...
लुधियाना(महेश): टिब्बा रोड के महात्मा एन्क्लेव में वीरवार शाम को अनियंत्रित हुई तेज रफ्तार कार एक घर के बाहर फर्श पर बैठे 4 बच्चों पर चढ़ गई है। इसमें 7 साल के एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि 3 अन्य घायल हो गए। जिनमें एक बच्चे को सीरियस हालत में चंडीगढ़ रोड के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि 2 बच्चों को मामूली चोंटे आई हैं। घायलों में एक 13 साल की एक बच्ची भी है।
उधर, इस हादसे के दौरान मारे गए कार चालक की मौत को लेकर पुलिस और पीड़ित के बयानों में विरोधाभास पाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि युवक की मौत हादसे के सदमे की वजह से हो गई, जबकि उसके परिवार वालों व जानकारों का कहना है उसकी मौत लोगों की पिटाई की वजह से हुई है। मृतकों की पहचान अरमान व संजीव कुमार उर्फ बब्बू वर्मा के रूप में है। घायलों में अरमान की बड़ी बहन सुभाना बोना (13), सहबाज (8) व बल्लू (7) के रूप में हुई है। बल्लू की हालत सीरियस बनी हुई हैं। बब्बू टिब्बा इलाके की 33 फुटा रोड का रहने वाला था और उसका समराला चौक के पास कारों की सेल-प्रचेस के अतिरिक्त फाइनांस का कारोबारा था। बताया जाता है कि संजीव की बेटी मीनू की अगले सप्ताह मंगलवार को शादी है। जिसके वह डिब्बे बांट रहा था। जब वह अपने जानकारों व रिश्तेदारों को डिब्बे देकर अपनी इंडिका कार में जा रहा था तो यह हादसा हो गया।
अरमान 3 बहनों का था इकलौता भाई
अरमान के पिता नवी रसूल ने बताया कि उसका बेटा 3 बहनों का इकलौता भाई था। वह दूसरी कक्षा में पढ़ता था। तीनों बहने उसे बहुत प्यार करती थी।
हम फर्श पर बैठे ही थे कि कार उन पर आ चढ़ी
सुभाना ने बताया कि वह अरमान, बल्लू व साहबाज के साथ शाम को घर के नजदीक पीर बाबा की मजार पर माथा टेककर घर को लौट रहे थे तो रास्ते में एक घर के बाहर बने फर्श पर बैठ गए। तभी एक तेज रफ्तार कार फर्श से आकर जोर से टकराई। जिससे अरमान कार के टायर के नीचे आकर कुचला गया। जबकि बल्लू कार और फर्श के बीच में फंस गया। उसके और साहबाज के भी चोटें लगीं। यह देखकर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगे। तभी आसपास के लोग इकट्ठे हो गए। बताया जाता है कि अरमान ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, जबकि कड़ी मशक्कत के बाद लोगों ने कार के नीचे फंसे बल्लू को बाहर निकाला कर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया और सुभाना व साहबाज को नजदीक के डाक्टर से प्राथमिक उपचार उपलब्ध करवाया गया।
बब्बू की जानकार महिला ने कहा, लोगों ने उसे पीटा
कार चालक बब्बू की एक जानकार महिला मीनू, जिसको वह कुछ देर पहले ही डिब्बा देकर आया था और वह उसके मकान में किराए पर रहती है, ने बताया कि जब उसे कुछ लोगों ने आकर बताया कि बब्बू का एक्सीडैंट हो गया और बहुत से लोग उसे घेरे हुए हैं तो वह भाग कर मौके पर पहुंची। उसने आरोप लगाते हुए कहा कि उसने किसी को बब्बू को पीटते हुए नहीं देखा, लेकिन उसे वहीं से पता चला कि बच्चे की और अन्य की हालत देखकर इकट्ठी हुए लोगों ने बब्बू की कार का शीशा तोड़ दिया और उसे बुरी तरह से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई।
बच सकती थी भाई की जान
संजीव के भाई विपन ने बताया कि अगर पुलिस और एम्बुलैंस समय पर पहुंच जाती और उसके भाई को प्राथमिक उपचार मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विपन ने जब यह घटना हुई उसे भी वहीं से एक व्यक्ति का फोन आया था कि वह तुरंत मौके पर पहुंचे। उसके भाई की कार का एक्सीडैंट हो गया है। यहां हालत बिगड़े हुए हैं और कुछ लोग उसके भाई से मारपीट कर रहे हैं।
मदद के लिए चिल्लाती रही पर कोई नहीं आया
मीनू ने दयानंद अस्पताल में रोते हुए बताया कि वह बब्बू को अस्पताल पहुंचने के लिए मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन वहां जुटी भीड़ मूकदर्शक बनकर तमाशा देखती रही। कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आया बल्कि जब वह बब्बू को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी तो कुछ लोगों ने उसके साथ भी मारपीट की और उससे कहा कि इस व्यक्ति की वजह से बच्चे की मौत हुई वह इसकी मदद नहीं करेंगे। उसका आरोप है कि कई बार कॉल करने के बावजूद न तो मौके पर पुलिस पहुंची और न ही एम्बुलैंस आई। वह बब्बू को बचाने के लिए खुद जाकर डाक्टर को बुलाकर आई। जबकि ए.एस.आई चौकी प्रभारी कपिल कुमार का कहना है कि जब वह सूचना पाकर मौके पर पहुंचे तो बब्बू ड्राइविंग सीट के साथ वाली सीट पर लुढ़का पड़ा था। कड़ी मशक्कत के बाद कार का दरवाजा खोलकर उसे बाहर निकला कर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस दोनों मामलों में केस रजिस्टर्ड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।