Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 11:37 AM
12 वर्ष या इससे कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की बढ़ रही वारदातों पर मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों द्वारा दुष्कर्म के आरोपियों को सजा-ए-मौत देने संबंधी विधेयक पास कर दिया गया है लेकिन पंजाब में भी ऐसी बच्चियों के साथ घिनौना अपराध...
फगवाड़ा (जलोटा): 12 वर्ष या इससे कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की बढ़ रही वारदातों पर मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों द्वारा दुष्कर्म के आरोपियों को सजा-ए-मौत देने संबंधी विधेयक पास कर दिया गया है लेकिन पंजाब में भी ऐसी बच्चियों के साथ घिनौना अपराध करने वालों पर कैप्टन सरकार ने इस दिशा में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की है।‘पंजाब केसरी’ ने पंजाब सरकार को चेताने के लिए ‘पंजाब में भी मिले बच्चियों के दुष्कर्म अपराधियों को मौत की सजा’ संबंधी अभियान शुरू किया है। इसके तहत शहर के महिला संगठनों और क्लब की महिलाओं, सरकारी सेवा में कार्यरत महिलाओं, गृहिणियों से जानें उनके विचार। उन्होंने भी इस अभियान का हिस्सा बनते हुए आवाज को बुलंद किया है।
दुष्कर्म के आरोपी को समाज में रहने देना घातक
जो मासूम बच्चियों को अपनी घिनौनी दरिंदगी का शिकार बनाते हैं वह हकीकत में इंसान नहीं राक्षस हैं और ऐसे व्यक्ति को समाज में जीवित रहने देना घातक है। ऐसे दरिंदों को ऐसी मौत दी जानी चाहिए कि सजा पाने वाले आरोपी की रूह तक कांप जाए। यदि पंजाब की कैप्टन सरकार अभी भी इस मसले पर चुप्पी साधे रहती है तो यह समाज के साथ घोर अन्याय होगा।