Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 03:14 PM
पंजाब सरकार द्वारा सरकारी थर्मल प्लांटों को बंद करने का फैसला लोक विरोधी है। इससे बिजली के निजीकरण में वृद्धि होगी व बिजली और महंगी होगी। ये विचार प्रैस से बातचीत करते किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रदेश कन्वीनर कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने प्रकट किए।
सुल्तानपुर लोधी (धीर): पंजाब सरकार द्वारा सरकारी थर्मल प्लांटों को बंद करने का फैसला लोक विरोधी है। इससे बिजली के निजीकरण में वृद्धि होगी व बिजली और महंगी होगी। ये विचार प्रैस से बातचीत करते किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रदेश कन्वीनर कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने प्रकट किए।
उन्होंने कहा कि बिजली विभाग पब्लिक प्रॉपर्टी है और जिन थर्मल प्लांटों को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है यह आम जनता व किसानों की सुविधा व उन्हें सस्ते रेटों पर बिजली मुहैया करवाने बन बनवाए गए थे लेकिन केंद्र व पंजाब की सरकारें लोगों का दीवाला निकालकर इसे प्राइवेट कंपनियों के पास बेचने को उतावली हैं ताकि केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए बिजली एक्ट-2003 के तहत निजीकरण की प्रक्रिया को सिरे चढ़ाया जा सके लेकिन सरकार प्राइवेट थर्मलों व न्यूक्लिर प्लांट को हरी झंडी दे रही है जिनसे पैदा कि जाने वाली बिजली पन बिजली से कई गुणा महंगी है।