Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Feb, 2018 08:07 AM
पंजाब टैक्नीकल यूनिवर्सिटी जो कि पी.टी.यू. के नाम से प्रसिद्ध है, में 25 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े तथा भारी संख्या में भर्तियों में की गई मनमानी को लेकर विजीलैंस ब्यूरो द्वारा नामजद किए गए 10 आरोपियों में से मुख्य आरोपी पूर्व उप-कुलपति डा. रजनीश...
कपूरथला (गौरव): पंजाब टैक्नीकल यूनिवर्सिटी जो कि पी.टी.यू. के नाम से प्रसिद्ध है, में 25 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े तथा भारी संख्या में भर्तियों में की गई मनमानी को लेकर विजीलैंस ब्यूरो द्वारा नामजद किए गए 10 आरोपियों में से मुख्य आरोपी पूर्व उप-कुलपति डा. रजनीश अरोड़ा की जमानत याचिका के खारिज होने के बाद अब ब्यूरो की टीम वर्ष 2013 के बाद हुई उन संदिग्ध भर्तियों को खंगालने की तैयारी में जुट गई जिनको लेकर अक्सर सवालिया निशान लगाए जाते रहे हैं। वहीं इस मामले में वांछित बाकी 9 आरोपियों की भूमिका को लेकर बड़े स्तर पर जांच का दौर जारी है हालांकि मुख्य आरोपी पूर्व उप-कुलपति अरोड़ा को जमानत न मिलना इन 9 आरोपियों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गई है।
भर्तियां करवाने वाले लोग दहशत में
वर्ष 2013 के बाद डा. रजनीश अरोड़ा के करीबी कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के नजदीकी रिश्तेदारों को सभी नियमों को ताक में रख कर कई अहम पदों पर तैनात करने का मामला आने वाले दिनों में गर्मा सकता है। बताया जाता है कि फिलहाल विजीलैंस ब्यूरो का फोकस उन नियुक्तियों पर चल रहा है जिनके नाम एफ.आई.आर. में दर्ज हैं। अब इस एफ.आई. आर. की जांच पूरी होते ही वर्ष 2013 के बाद की गई भॢतयों पर विजीलैंस की गाज गिर सकती है, जिसको लेकर इन भर्तियों को करवाने में अहम भूमिका अदा करने वाले लोगों में भारी दहशत व्याप्त है।
कम्प्यूटर में डाटा फीड करने का मामला भी गर्माया
बताया जाता है कि आर.एस.एस. से संबंधित 2 बड़े नेताओं के बेहद नजदीकी रिश्तेदारों को मलाईदार पदों पर तैनात करने के साथ-साथ एक अन्य रिश्तेदार को पी.टी.यू. की ओर से ली जाने वाली परीक्षाओं के दौरान उत्तर पत्रिका (आंसर शीट) का डाटा कम्प्यूटर में फीड करने पर ही 2 रुपए प्रति शीट दिए जाने का मामला भी गर्माया हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार एक समय में 9 लाख उत्तर शीट को कम्प्यूटर में फीड किया जाता था। इस पूरे मामले में उक्त नेता के रिश्तेदार को मोटी रकम अदा की गई। जो एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है। इस पूरे मामले की जांच का दौर लगातार जारी है, जांच काफी लंबी होने के कारण अभी कुछ दिन और लग सकते हैं। मामले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।