कैदियों को डिप्रैशन से उभारने के लिए सरकार ने शुरू की नई योजना, जानिए क्या?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Mar, 2018 03:24 PM

government launches new scheme to boost prisoners from depression

अब प्रदेश की सबसे बड़ी जेलों में शुमार होने वाली सैंट्रल जेल जालंधर व कपूरथला में बंद कैदी अब जेल परिसर में लगी आधुनिक कपड़ा फैक्टरी में जहां स्वैटर व हैंडलूम उत्पाद सहित विभिन्न प्रकार के कपड़े तैयार कर जेल में बंद करीब 3 हजार कैदियों व हवालातियों...

कपूरथला(भूषण): अब प्रदेश की सबसे बड़ी जेलों में शुमार होने वाली सैंट्रल जेल जालंधर व कपूरथला में बंद कैदी अब जेल परिसर में लगी आधुनिक कपड़ा फैक्टरी में जहां स्वैटर व हैंडलूम उत्पाद सहित विभिन्न प्रकार के कपड़े तैयार कर जेल में बंद करीब 3 हजार कैदियों व हवालातियों की जरूरतों को पूरा करेंगे वहीं इसके अतिरिक्त इस पूरे मामले में देश के बड़े शहरों के थोक बाजारों में भी बेचकर लाखों रुपए के टर्नओवर को पूरा किया जाएगा। इसको लेकर सैंट्रल जेल के कैदियों ने कुछ दिन की शुरूआत में ही 500 मीटर प्रतिदिन के हिसाब से कपड़ा तैयार करना शुरू कर दिया है।

कैदियों को डिप्रैशन से उभारने के लिए प्रदेश सरकार ने शुरू की नई योजना
प्रदेश की जेलों में लगातार बढ़ रहे गैंगवार तथा कैदियों के विभिन्न गुटों की आपसी लड़ाई को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन बड़ी जेलों में बड़े स्तर पर फैक्टरी लगाने की शुरूआत की है, जो सुरक्षा की दृष्टि से काफी संवेदनशील मानी जाती हैं। इसके तहत सैंट्रल जेल लुधियाना के बाद सैंट्रल जेल जालंधर व कपूरथला में प्रदेश सरकार की पहल पर 3 आधुनिक टैक्स टाइल मशीनें लगाई गई हैं। इसके साथ उक्त मशीनें तैयार करने वाली कंपनी ने एक ट्रेनर को भी सैंट्रल जेल भेजा है जो इस काम के लिए लगे 60 कैदियों को स्वैटर बनाने, कुर्ता-पायजामा तैयार करने, बैड शीट तथा खेस तैयार करने की ट्रेनिंग दे रहा है।

इस पूरे ट्रेनिंग के दौर में 10 कैदी कपड़ा बनाने में पूरी तरह से तैयार हो गए हैं जिन्होंने हर रोज 500 मीटर कपड़ा तैयार करने के साथ-साथ 2 हजार के करीब स्वैटर तथा कुर्ते पायजामे बना दिए हैं जिन्हें जेल में बंद सभी कैदियों में बांट दिया गया है। वहीं इस योजना के तहत कैदी आने वाले दिनों में बड़े स्तर पर कपड़ा तैयार कर इसे दिल्ली, मुम्बई तथा लुधियाना जैसे बड़े बाजारों में बेचने की तैयारियों में जुट गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप जेल प्रशासन को बड़े स्तर पर रैवेन्यू मिलने की संभावना है। वहीं इस काम में इस फैक्टरी की शुरूआत होते ही डिप्रैशन का शिकार कैदियों को भी काफी राहत मिलने की संभावना है तथा जेल काम्पलैक्स में गैंगवार भी काफी हद तक खत्म होने के आसार बन गए हैं। 

फैक्टरी में काम करने वाले सभी कैदियों को मिलेगा जेल कानून के मुताबिक मेहनताना
टैक्सटाइल फैक्टरी में काम करने वाले सभी कैदियों को जेल कानून के मुताबिक जहां पूरी सुविधाएं दी जाएंगी, वहीं इसके तहत कैदियों को काम के बदले 40 से 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिहाड़ी दी जाएगी ताकि जेल की सजा पूरी होते ही कैदी अपने साथ कमाई गई बड़ी रकम भी परिवार के लिए ले जा सकें। 

कैदियों को रोजगार के शानदार अवसर मिले : सुपरिंटैंडैंट जेल
इस संबंध में जब सैंट्रल जेल जालंधर व कपूरथला के सुपरिंटैंडैंट एस.पी. खन्ना से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि सैंट्रल जेल में इस प्रोजैक्ट के शुरू होने से कैदियों को रोजगार के शानदार अवसर मिले हैं तथा इसका फायदा कैदियों के साथ-साथ उनके परिवारों को भी होगा।

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