Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Feb, 2018 02:29 PM
मोदी सरकार द्वारा बजट पेश किए बेशक कई घंटे बीत चुके हैं फिर भी व्यापारी वर्ग मन ही मन सोच में डूबा है कि इस बजट में उनके हाथ खाली हैं। इस बार के बजट में इंडस्ट्री के हाथ फिर से हताशा ही लगी है। पहले नोटबंदी फिर जी.एस.टी. लागू होने से व्यापार की...
फगवाड़ा (मुकेश): मोदी सरकार द्वारा बजट पेश किए बेशक कई घंटे बीत चुके हैं फिर भी व्यापारी वर्ग मन ही मन सोच में डूबा है कि इस बजट में उनके हाथ खाली हैं। इस बार के बजट में इंडस्ट्री के हाथ फिर से हताशा ही लगी है। पहले नोटबंदी फिर जी.एस.टी. लागू होने से व्यापार की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। हर किसी की सोच थी कि मोदी सरकार अंतिम वर्ष के बजट में रियायतें प्रदान करेगी परंतु हुआ सोच के विपरीत। इस बाबत विभिन्न वर्ग के लोगों से बात हुई।
किसानों को कुछ नहीं मिला : नरेश भारद्वाज
आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश भारद्वाज से बात हुई तो उन्होंने कहा कि इस बार का बजट मिडल क्लास के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। इस बजट में किसानों को कुछ नहीं मिला। हालांकि यह कार्पोरेट घराने व बड़े व्यापारियों के लिए लाभकारी है। किसानों की आमदन को दोगुना करने का महज ख्याली पुलाव है।
उम्मीद थी, बजट राहत भरा होगा : सुखीजा
दुकानदार रजिन्द्र कुमार सुखीजा ने कहा कि जी.एस.टी. व नोटबंदी के बाद कारोबार की रफ्तार थम गई है। हर किसी को उम्मीद थी कि इस बार का बजट राहत भरा होगा। मगर सच्चाई यह है कि इस बार के बजट में न तो इंकम टैक्स की स्लैब बढ़ी और न ही अतिरिक्त रियायत मिली।
कोई रियायत नहीं दी गई : ललित शर्मा
ललित शर्मा का कहना है कि इस बार का बजट मध्यम वर्ग के अतिरिक्त व्यापारियों के लिए भी निराशाजनक रहा है यानी इस बजट में मध्यम वर्ग को कोई रियायत नहीं दी गई है।
एक्सपोर्टरों के लिए बजट बिल्कुल नहीं अच्छा : ओम उप्पल
लघु उद्योग भारती फगवाड़ा के अध्यक्ष ओम उप्पल ने कहा कि जरूरतमंद परिवारों को हैल्प की सुविधा वाला प्रावधान काफी अच्छा है, दूसरी तरफ सच्चाई यह है कि एक्सपोर्टरों के लिए यह बजट बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। यूं भी लघु उद्योगों के सामने संकट ही संकट है। इस बजट में हर लघु उद्योगों को चलाने वालों को उम्मीद थी कि बजट लाभकारी होगा मगर इस बार का बजट मध्यम वर्ग के अतिरिक्त एक्सपोर्टरों के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।
शिक्षा को लेकर भी यह बजट निराशाजनक : राम कुमरा
कारोबारी राम कुमरा का कहना है कि इस बार बजट मध्यम वर्ग के अतिरिक्त व्यापारियों के लिए लाभकारी नहीं है। व्यापार के अतिरिक्त शिक्षा को लेकर भी यह बजट निराशाजनक भरा है।
बजट जरूरतमंदों के लिए काफी लाभकारी : रमेश सचदेवा
भाजपा मंडल फगवाड़ा के पूर्व अध्यक्ष रमेश सचदेवा का कहना है कि इस बार का बजट जरूरतमंदों के लिए काफी लाभकारी है यानी यह बजट लोक हितैषी होने के साथ-साथ किसान हितैषी भी है। गरीबों को 8 करोड़ एल.पी.जी. कनैक्शन के लक्ष्य द्वारा स्वच्छ ईंधन देने का ऐलान उक्त परिवारों की महिलाओं के लिए काफी लाभकारी है।
सपना ही बनकर रह गया रोजगार : ज्योति पासी
गृहिणी ज्योति पासी का कहना है कि देश की मौजूदा केंद्र सरकार ने चुनाव जीतने के बाद कहा था कि करोड़ों लोगों का रोजगार देंगे। सच्चाई यह है कि हर तरफ फैली बेरोजगारी, महंगाई के कारण लोग अपनी इकलौती औलादों को 7 समुद्र पार भेजने के लिए मजबूर हैं। सरकार द्वारा जो अब 70 लाख लोगों को रोजगार देने की बाब कही गई है वह हर वर्ग के लिए सिर्फ सपना ही बनकर रह गई है।
बजट में महिलाओं के लिए कुछ खास नहीं : कीर्ति भटारा
समाज सेविका कीर्ति भटारा का कहना है कि इस बार का बजट महिलाओं के लिए कुछ खास नहीं है। देश को साफ-सुथरा रखने के लिए मनोरथ से 2 करोड़ नए बाथरूम बनाने की योजना के अतिरिक्त अन्य योजनाएं सिर्फ जुमला ही दिखाई देती हैं।
बजट बिल्कुल भी अच्छा नहीं : हिटू त्रेहन
किड-जी प्राइवेट स्कूल की एम.डी हिटू त्रेहन का कहना है कि इस बार पेश हुआ बजट शिक्षा जगत के अतिरिक्त व्यापारियों के लिए भी बिल्कुल अच्छा नहीं है। इसी कारण अब विदेशों से काफी कम लोग भारत आ रहे हैं जो आते हैं वे भी निराश होकर वापस जा रहे हैं। सरकार जो घोषनाएं यां वायदे करती है उन्हें अवश्य पूरा करना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी निराश होकर विदेशों को कूच न करे।