Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 10:56 AM
आर.टी.ए. दफ्तर और आधुनिक ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर विजीलैंस ने अपनी प्रारंभिक जांच के लिए जरूरी रिकार्ड कब्जे में ले लिया है। बुधवार को लगातार चौथे दिन भी आर.टी.ए. दफ्तर में जांच जारी रही। विभाग द्वारा सील किए गए सारे कमरे खोलकर रिकार्ड की पड़ताल का...
जालंधर(अमित): आर.टी.ए. दफ्तर और आधुनिक ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर विजीलैंस ने अपनी प्रारंभिक जांच के लिए जरूरी रिकार्ड कब्जे में ले लिया है। बुधवार को लगातार चौथे दिन भी आर.टी.ए. दफ्तर में जांच जारी रही। विभाग द्वारा सील किए गए सारे कमरे खोलकर रिकार्ड की पड़ताल का काम पूरा हो चुका है। मौजूदा समय में विभाग के अधिकारी आर.टी.ए. दफ्तर के कर्मचारियों से पूछताछ करके आवश्यक जानकारी एकत्रित कर रहे हैं।
विभाग के किसी भी अधिकारी द्वारा इस बात को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है कि किस पहलू को लेकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है, किस रिकार्ड की जांच हो रही है और किस कर्मचारी के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल चुके हैं। इतना तय है कि विभाग के हाथ 4 दिन के अंदर काफी कुछ आ चुका है, जिसके आधार पर कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के उद्देश्य से डी.टी.ओ. दफ्तर बंद करके सारा कामकाज आर.टी.ए. दफ्तर के अधीन लाया गया है मगर भ्रष्टाचार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जमीनी हकीकत यह है कि एजैंटों का दबदबा पहले की भांति बरकरार है और उनका कोई भी काम बिना किसी रुकावट के बड़ी आसानी से हो जाता है जबकि आम जनता को अपने काम के लिए इधर से उधर धक्के खाने पड़ते हैं। जिस काम को करवाने के लिए आम जनता का पसीना निकल जाता है, वही काम एजैंट चुटकियों में पूरा करवा देते हैं। इसी कारण से आर.टी.ए. दफ्तर लंबे समय से विजीलैंस के राडार पर था और कुछ देर पहले होशियारपुर से पकड़े गए हैप्पी के बाद कडिय़ां आपस में जुड़ती जा रही हैं जिसके चलते लगातार नए खुलासे हो रहे हैं।
आर.सी. और बैकलॉग एंट्रीज को लेकर किया जा रहा फोकस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग का मुख्य फोकस आर.सीज के काम में हुई गड़बडिय़ों और बैकलॉग एंट्रीज के अंदर किए गए गोलमाल को लेकर है। विभाग द्वारा हर पहलू को काफी बारीकी से जांचा जा रहा है। किसी भी बात को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा।
अदर स्टेट आर.सीज और जाली एन.ओ.सी. को लेकर क्लर्कों पर गिर सकती है गाज
विभाग के निशाने पर अदर स्टेट (बाहरी राज्यों) से खरीदी गई गाडिय़ों को ट्रांसफर करवाने के लिए एजैंटों द्वारा बनाई गई जाली एन.ओ.सी. के इस्तेमाल को लेकर संबंधित क्लर्कों पर गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो विजीलैंस इस बात की जांच करने वाली है कि कैसे बड़े एजैंटों के पास हर जिले के आर.टी.ए. दफ्तर की जाली मोहरें बनाकर रखी गई हैं जिसके चलते वे अपने दफ्तर में बैठे ही जाली आर.सी. वैरीफिकेशन के दस्तावेज तैयार कर लेते हैं। इतना ही नहीं, संबंधित क्लर्कों के हस्ताक्षर भी जाली ही किए जा रहे हैं।
1-2 दिन में किसी कर्मचारी की गिरफ्तारी भी संभव
हालांकि विभाग की तरफ से किसी कर्मचारी की गिरफ्तारी को लेकर कोई संकेत नहीं दिए गए हैं, मगर आर.टी.ए. दफ्तर के सूत्रों का कहना है कि आने वाले 1-2 दिनों में किसी न किसी कर्मचारी की गिरफ्तारी संभव हो सकती है क्योंकि विभाग के हाथ कुछ पुख्ता सबूत लग चुके हैं। संंबंधित कर्मचारी की गिरफ्तारी डालकर और दोषी व्यक्तियों के बारे में पता लगाया जा सकता है।
अंडरकवर ऑफिसर रख रहे सारी गतिविधियों पर पैनी निगाह
विजीलैंस विभाग के अंडरकवर ऑफिसर आर.टी.ए. दफ्तर के अंदर होने वाली सारी गतिविधियों पर पैनी निगाह बनाए हुए हैं। बिना किसी कर्मचारी और अधिकारी को जानकारी दिए अंडरकवर अफसर महत्वपूर्ण डाटा इकट्ठा करके भ्रष्ट कर्मचारियों के साथ-साथ एजैंटों के कामकाज की भी मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
बड़े एजैंटों के कम्प्यूटर पर हैं क्लर्कों के स्कैन साइन
बड़े एजैंटों ने अपने कम्प्यूटर सिस्टम में लगभग हर क्लर्क के साइन स्कैन करके रखे हुए हैं जिन्हें देखकर वे जाली हस्ताक्षर कर देते हैं। जाली वैरीफिकेशन का काम आर.टी.ए. दफ्तर में बड़े पैमाने पर चल रहा था और इसमें संबंधित क्लर्कों की भी कहीं न कहीं रजामंदी रहती थी जिसकी विजीलैंस पड़ताल करेगी और फाइलों में लगाई गई जाली एन.ओ.सी. को लेकर क्लर्कों से जवाब तलबी हो सकती है। अगर सब कुछ ठीक रहता है तो आने वाले कुछ दिनों में इस गोरखधंधे की कई परतें खुल सकती हैं जिसका खमियाजा बहुत से लोगों को भुगतना पड़ सकता है।