Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 10:26 AM
इन दिनों पड़ रही कड़ाके की सर्दी में रेल लाइनों में क्रैक आने की संभावना बढ़ जाती है। इससे किसी भी समय गम्भीर हादसा हो सकता है। ऐसी घटनाओं को लेकर रेलवे विभाग काफी चिंतित है। रूटीन में तो रेल लाइनों की जांच की जाती है लेकिन सर्दी के मौसम में पटरियों...
जालंधर(गुलशन): इन दिनों पड़ रही कड़ाके की सर्दी में रेल लाइनों में क्रैक आने की संभावना बढ़ जाती है। इससे किसी भी समय गम्भीर हादसा हो सकता है। ऐसी घटनाओं को लेकर रेलवे विभाग काफी चिंतित है। रूटीन में तो रेल लाइनों की जांच की जाती है लेकिन सर्दी के मौसम में पटरियों की जांच के लिए विशेष टीमें गठित की जा रही हैं।
रेलवे हैडक्र्वाटर ने हर 2 किलोमीटर पर ट्रैक की निगरानी के लिए एक टीम गठित करने के आदेश दिए हैं जोकि 24 घंटे शिफ्ट अनुसार ड्यूटी करेगी। इन दिनों तापमान में आई भारी गिरावट सुरक्षित रेल सफर के लिहाज से बड़ा खतरा माना जाता है। सर्दी में रेलवे पटरी के टूटने, दरार या लाइन टेढ़ी होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। अगर जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन की बात करें तो बीते दिनों प्लेटफार्म नं. 1 पर रेल ट्रैक में क्रेक आ गया था पर समय रहते ही पता चलने से बड़ा हादसा टल गया।जानकारों का मानना है कि गर्मी में अधिकतम और सर्दी के दिनों में न्यूनतम तापमान की चरम स्थिति में रेल ट्रैक में क्रैक आ जाता है। गर्मी में लिनीयर इक्स्पैंशन के कारण और सर्दी में संकुचन के कारण पटरी में क्रेक आता है। इसके अलावा गुड्स ट्रेन में माल की ढुलाई ’यादा होने से भी ट्रैक में क्रैक आने का खतरा बढ़ जाता है।