शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 10:15 AM

traffic police

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। कमिश्नरेट पुलिस में ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रण करने के लिए ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक व ए.सी.पी. ट्रैफिक तैनात हैं। इसी के साथ शहर को 3 जोनों में बांटा गया है, प्रत्येक जोन का इंचार्ज इंस्पैक्टर स्तर का...

जालंधर(महेश): शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। कमिश्नरेट पुलिस में ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रण करने के लिए ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक व ए.सी.पी. ट्रैफिक तैनात हैं। इसी के साथ शहर को 3 जोनों में बांटा गया है, प्रत्येक जोन का इंचार्ज इंस्पैक्टर स्तर का अधिकारी है। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए 12 टैंगो टीमों का गठन किया हुआ है। ये टीमें सब-इंस्पैक्टर या ए.एस.आई. के नेतृत्व में शहर के विभिन्न स्थानों पर ट्रैफिक नाके लगाकर चालान काटने में व्यस्त रहते हैं। इसके अलावा लगभग 40 विभिन्न प्वाइंटों पर ट्रैफिक कर्मचारी तैनात रहने के बावजूद भी शहर की ट्रैफिक की समस्या ज्यों की त्यों ही बनी रहती है।

पी.ए.पी. चौक से सुबह-शाम गुजरना टेढ़ी खीर के समान है। इस चौक में भारी ट्रैफिक के दृष्टिगत 2 शिफ्टों में ट्रैफिक कर्मचारी सुबह 6 से रात 10 बजे तक व्यवस्था को सुचारू करने में लगे रहते हैं। सुबह-शाम गाडिय़ों की भीड़ के कारण रोजाना ही जाम लगा रहता है। कई बार तो यह जाम घंटों तक चलता है जिसे खुलवाने के लिए पुलिस को कई तरीके अपनाने पड़ते हैं। कुछ गाडिय़ों को और रास्तों से भेजना पड़ता है ताकि जाम खुल जाए। ’योति चौक में भी हाताल विकट ही रहते हैं। पी.ए.पी. चौक से रामा मंडी तक जाम का कारण यह भी है कि अमृतसर, पठानकोट, होशियारपुर व लुधियाना को आने-जाने का रास्ता इसी चौक से होकर जाता है। सी.सी.टी.वी., ट्रैफिक लाइट सिग्नल्ज व ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों की तैनाती के बावजूद भी इस चौक में कोई सुधार नहीं दिखाई देता। 

 

गलत पार्किंग को शान समझते हैं लोग
टू-वे व वन-वे जोन निर्धारित होने के बावजूद भी कई लोग इन स्थानों पर अपनी गाडिय़ां पार्क करना शान समझते हैं। ट्रैफिक पुलिस की क्रेननुमा गाडिय़ां सुबह से शाम तक गाडिय़ों को टो करके ट्रैफिक पुलिस थाना में ले जाती हैं जहां चालान काटने के बाद ही गाड़ी रिलीज की जाती है। शहर की विभिन्न प्रमुख मार्कीटों में प्राय: कई लोग सड़क पर ही अपनी गाड़ी पार्क करके चले जाते हैं, जो ट्रैफिक में बाधा बनती है। ट्रैफिक पुलिस कमिश्नरेट का डाटा देखा जाए तो 2016 में लगभग 80 हजार चालान काटे व 3 करोड़ के करीब जुर्माना वसूला गया। इसी तरह 2017 में 1 लाख 44 हजार लोगों के ट्रैफिक चालान काटे गए व 4 करोड़ 82 लाख रुपए जुर्माने के तौर पर वसूले गए। 


गाडिय़ों की गिनती बढऩा भी ट्रैफिक समस्या : ए.सी.पी. भल्ला 
कमिश्नरेट पुलिस में ए.सी.पी. ट्रैफिक हरविंद्र सिंह भल्ला ने कहा कि शहर में हर रोज गाडिय़ों की गिनती बढऩा भी ट्रैफिक समस्या का कारण है। ट्रैफिक को सुचारू रखने के लिए हर प्रयास किए जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस के साथ संबंधित थानों के कर्मचारी भी ड्यूटी करते हैं। लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। इसके लिए समय-समय पर लोगों को जागरूक भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि 2017 में बिना हैल्मेट दोपहिया वाहनों के 32,711 चालान किए गए, बिना ड्राइविंग लाइसैंस 13,860, ट्रिपल राइङ्क्षडग के 2684, शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले 1921 व्यक्तियों के चालान काटे गए। वर्ष 2017 में 2016 के मुकाबले 63,797 ज्यादा चालान किए गए तथा 1 करोड़ 81 लाख 66 हजार 220 रुपए ज्यादा जुर्माना वसूला गया। 

गलत ढंग से निकलते वाहन भी बनते हैं जाम का कारण 
विशेषकर भीड़ भरे बाजारों में अक्सर देखा जाता है कि लोग गलत ढंग से अपने वाहनों को निकालते हैं, जोकि जाम का कारण बनते हैं। मौके पर तैनात होती पुलिस भी उन्हें ऐसा करने से नहीं रोकती। अगर पुलिस मुलाजिम अपनी ड्यूटी को पूरी ईमानदारी से निभाएं तो गलत ढंग से निकलते लोगों को रोका जा सकता है और इससे जाम भी नहीं लगेगा। रविवार को ’योति चौक पर ऐसी ही स्थिति देखने को मिली है। 

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