Edited By Updated: 25 Jun, 2016 02:01 AM
गोचर में मंगल 20 फरवरी की शाम 5 बजे से वृश्चिक राशि में संचार कर रहा है तथा यह 20 सितम्बर तक इसी राशि में...
जालंधर (धवन): गोचर में मंगल 20 फरवरी की शाम 5 बजे से वृश्चिक राशि में संचार कर रहा है तथा यह 20 सितम्बर तक इसी राशि में रहेगा, एक ही राशि में लंबे समय तक मंगल के संचार से विश्व भर में तैनात व ङ्क्षहसा की घटनाएं देखने को मिलेंगी। सरकार के खिलाफ जनता में रोष बढ़ेगा। ज्योतिषी प्रो. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि 23 मार्च से शनि वक्री अवस्था में है तथा 13 अगस्त को वृश्चिक राशि में ही मार्गी होंगे। दूसरी तरफ बृहस्पति 11 अगस्त को कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय शासन के लिए सितम्बर तक का समय बहुत चुनौतीपूर्ण रहेगा, नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए कठिनाइयां बढ़ेंगी। मंगल अपनी राशि वृश्चिक में होने के कारण शनि को हानि पहुंचाने मेें सफल हो जाएगा, जिससे केन्द्रीय शासन को हानि होने का भय है। उन्होंने कहा कि भारत को इस समय चंद्रमा की महादशा चल रही है, जोकि भारत की कुंडली में तीसरे भाव का स्वामी है। गोचर में शनि और मंगल का चंद्रमा की नीच राशि में संचार केन्द्रीय सरकार के लिए चुनौतियों को उभारता है तथा उसके कार्यक्रमों में विघ्न डालता है।
तीसरा भाव सहयोगियों का है, इसलिए सरकार का अपने सहयोगियों से टकराव बढ़ेगा। शनि की मंगल से युति तथा उस पर नैप्च्यून की दृष्टि जनता के लिए कष्टकारी है। महंगाई और बढ़ेगी तथा जनता के सामने कई प्रकार के कष्ट पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि इस युति के कारण तेल के दामों में बढ़ौतरी होती रहेगी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों को झटका लगने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। 18 सितम्बर तक कई मंत्रियों पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ सकता है।