Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 03:50 PM
केंद्र सरकार नगरों व गांवों को स्वच्छ बनाने हेतु स्वच्छ भारत अभियान चलाए हुए है मगर फाजिल्का शहर के विभिन्न मोहल्लों और चौकों पर फैली गंदगी इस अभियान को ठेंगा दिखाती महसूस होती है। फाजिल्का में तो हाल यह है कि स्वच्छ भारत अभियान की सरेआम धज्जियां...
फाजिल्का(नागपाल/लीलाधर): केंद्र सरकार नगरों व गांवों को स्वच्छ बनाने हेतु स्वच्छ भारत अभियान चलाए हुए है मगर फाजिल्का शहर के विभिन्न मोहल्लों और चौकों पर फैली गंदगी इस अभियान को ठेंगा दिखाती महसूस होती है। फाजिल्का में तो हाल यह है कि स्वच्छ भारत अभियान की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कई जगह फैली गंदगी के कारण बीमारियां फैलने की आशंका बन गई है।
विभिन्न सड़कों पर गंदगी का आलम
शहर के साधु आश्रम रोड पर जहां प्रसिद्ध दुग्र्याणा मंदिर व चर्च हैं, वहीं करीब डेढ़ सदी पुराना साधु आश्रम भी है। इस मार्ग से रोजाना सैंकड़ों लोग धार्मिक स्थलों में जाते हैं। नई आबादी, टीचर कालोनी के अलावा अन्य कई मोहल्लों की छात्राएं प्रतिदिन स्कूल जाने के लिए इस रास्ते आर्य समाज रोड से गुजरती हैं लेकिन इस मार्ग व अन्य मार्गों पर गंदगी का आलम है।
स्लम बस्तियों में फैली गंदगी
नगर की स्लम बस्तियों में सफाई की ओर वांछित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अधिकतर स्थानों पर सफाई करने के बाद वहां से गंदगी उठाने में समय लग जाता है। शहर के आनंदपुर मोहल्ला, जट्टियां मोहल्ला, राधा स्वामी कालोनी, धींगड़ा कालोनी, नई आबादी, जोरा सिंह मान नगर, खटीक मोहल्ला, बस्ती हजूर सिंह आदि में लगे गंदगी के ढेर स्व‘छ अभियान की पोल खोल रहे हैं।
जहां बन गए डम्प
बेशक नगर कौंसिल की ओर से शहर के कई स्थानों पर कूड़ा डम्प नहीं बनाए गए लेकिन अनेकों मोहल्लों के एक तरफ गंदगी फैंक दी जाती है, जहां से कई दिनों तक इसे न उठाए जाने को कारण वहां डम्प बन गए। ऐसे डम्प शहर के रेलवे चक्कर के निकट, सलेमशाह रेलवे फाटक के पास, फिरनी रोड पर, सब जेल के पीछे देखे जा सकते हैं जहां बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है।
प्लास्टिक की थैलियों ने बढ़ाया कूड़ा
प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध लगा होने के बावजूद नगर के अधिकांश दुकानदारों व रेहडिय़ों पर प्लास्टिक की थैलियों का खुलेआम प्रयोग शहर में कूड़ा बढ़ाने में पूर्ण योगदान दे रहा है। यह वर्षों तक नहीं गलतीं। यह थैलियां जहां नगर में गंदगी बढ़ाने में सहायक हो रही हैं वहीं सीवरेज ब्लाक होने का सबसे बड़ा कारण भी बन रही हैं।
सीवरमैनोंं की कम संख्या
नगर कौंसिल के पास सीवरमैनों की संख्या भी बहुत कम होने के कारण सीवरेज की सफाई प्रभावित हो रही है जिस कारण सीवरेज ब्लाक होकर उसका दूषित पानी पहले नालियों और फिर गलियों में फैलने लगता है। शहर की धींगड़ा कालोनी, आनंदपुर मोहल्ले में यह समस्या प्राय: बनी रहती है।
बढ़ रहा है बीमारियों का खतरा
पहले आबादी कम थी और शहर के बाहर कूड़ा-कचरा इकट्ठा करने की जगह पर्याप्त थी जिस कारण कूड़े-कचरे की बड़ी समस्या नहीं थी। फिर पहले आज की तरह का प्लास्टिक और न सडऩे वाला सामान भी नहीं था जिस कारण जो कचरा होता था उसका सुलभता से निदान हो जाता था। प्लास्टिक के सामान के प्रचलन और कई स्थानों पर इसे आग लगाकर जलाने से खतरनाक बीमारियों के फैलने का भय बना रहता है। नगर की बदहाल सफाई व्यवस्था संबंधी जब नगर कौंसिल के सैनेटरी इंस्पैक्टरों नरेश खेड़ा व जगदीप अरोड़ा से बात की तो उन्होंने बताया कि सफाई अभियान के तहत लगातार कार्य किया जा रहा है। शहर के बाजारों व मोहल्लों में सफाई लगातार करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि साधनों की कमी के कारण सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है लेकिन लोगों को गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे भी स्व‘छ भारत अभियान में नगर कौंसिल का सहयोग दें ताकि शहर को साफ-सुथरा रखने में उनका भी योगदान हो।