कालिया ने शांता पर फिर फोड़ा लैटर 'बम'

Edited By Updated: 22 Aug, 2016 10:42 AM

shanta kalia on the run shabdbhedi ban

काफी देर से शांत चल रहे भाजपा के 2 वरिष्ठ नेताओं के बीच का विवाद आज आखिर फिर फूट पड़ा। हिमाचल के पूर्व...

जालंधर(पाहवा): काफी देर से शांत चल रहे भाजपा के 2 वरिष्ठ नेताओं के बीच का विवाद आज आखिर फिर फूट पड़ा। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार तथा पंजाब से पूर्व मंत्री व विधायक मनोरंजन कालिया के बीच आरोप-प्रत्यारोप का बम एक नए लैटर के रूप में फूटा। इस लैटर में कालिया ने जहां शांता कुमार पर दोहरे चरित्र के होने का आरोप लगाया है, वहीं शांता कुमार के कार्यकाल में सी.पी.एस. की तैनाती संबंधी उनकी खामोशी पर सवाल भी उठाए हैं। 

 
दरअसल में हाल ही में एक लेख के माध्यम से शांता कुमार ने सी.पी.एस. की तैनाती को लेकर राजनीतिक दलों पर सवाल खड़े किए थे तथा इस तैनाती को संविधान की मूल भावना का उपहास करार दिया था। इसी लेख पर सवाल उठाते हुए कालिया ने शांता कुमार के नाम पत्र लिखा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पत्र में कालिया ने कहा है कि वर्ष 2011 में पंजाब में सरकार के संसदीय सचिव बनाए गए थे तथा उस समय वह भाजपा के पंजाब प्रभारी के पद पर तैनात थे। तब उन्होंने इस तैनाती का विरोध क्यों नहीं किया। 
 
कालिया ने यह भी लिखा है कि लेख में 1977 में हिमाचल में मुख्यमंत्री के अपने कार्यकाल का तो जिक्र किया जब 8 मंत्री थे तथा 50 करोड़ रुपए बचाने का दावा किया गया, लेकिन शांता कुमार ने दूसरे कार्यकाल (1990-1992) का जिक्र क्यों नहीं किया, जिसमें 9 मंत्री, 2 राज्यमंत्री व 2 संसदीय सचिव थे। कालिया ने पत्र में दूसरों को ‘नसीहत खुद मियां फजीहत’ वाली कहावत का शांता कुमार के लिए इस्तेमाल किया है। 
 
कालिया ने कहा कि उन्हें हाल ही में एक 6 दिसम्बर 1991 का लिखा पत्र मिला है इसमें भूमि तबादला हेतु प्रार्थना की गई है। कालिया ने पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि विक्रम शर्मा जोकि शांता कुमार के पुत्र हैं, को यामिनी होटल का पार्टनर बताते हुए 1.02 हैक्टेयर निजी भूमि को विशेष परिस्थितियों में नियमों में छूट देकर सरकारी भूमि के साथ तबदील करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। विक्रम शर्मा के नाम के साथ पिता का नाम क्यों नहीं लिखा गया तथा किस आधार व नियम के तहत सरकारी भूमि को निजी जमीन के साथ तबदील किया गया। 
 
उन्होंने कहा कि जमीन से संबंधित यह पत्र अगर बाहर आया है तो इसके बारे में सफाई दी जानी चाहिए तथा जनता को असलियत पता लगनी चाहिए। कालिया ने अंत में लिखा है कि जो पुस्तक ‘अधूरे सफर की पूरी कहानी’ लिखी है, जिसमें आप ने अपना महिमामंडन किया है, में उनकी तरफ से लिखे गए 3 पत्र शामिल किए जाएंगे तो वह पुस्तक संपूर्ण मानी जाएगी क्योंकि इससे आपका दोहरा चरित्र सामने आता है। 

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