Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 11:20 AM
महानगर में मेयर के नाम का ऐलान होने में महज 20 दिन का समय रह गया है। मेयर के नाम के साथ-साथ अब निचले 2 पदों सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के लिए भी गोटियां फिट होने लगी हैं। जिन नेताओं को इस बात का अंदाजा है कि वे मेयर के पद पर फिट नहीं हो सकते...
जालंधर(रविंदर शर्मा): महानगर में मेयर के नाम का ऐलान होने में महज 20 दिन का समय रह गया है। मेयर के नाम के साथ-साथ अब निचले 2 पदों सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के लिए भी गोटियां फिट होने लगी हैं। जिन नेताओं को इस बात का अंदाजा है कि वे मेयर के पद पर फिट नहीं हो सकते हैं, इसलिए उन्होंने निचले 2 पदों के लिए लॉबिंग करनी शुरू कर दी है। पहले चर्चा सिर्फ मेयर के नाम की हो रही थी, मगर अब इससे निचले 2 पदों के लिए गर्मागर्मी शुरू हो गई है। इस बात की चर्चा जोर पकड़ गई है मेयर का पद महानगर में जनरल कैटेगरी के हाथ ही जाएगा।
अगर ऐसा होता है तो फिर पुरुष वर्ग से ही मेयर बनाया जाएगा, जिसमें बलराज ठाकुर व जगदीश राजा का नाम सबसे आगे चल रहा है। ये दोनों नाम इस पद के लिए डिजर्व भी करते हैं। दोनों सीनियर नेता हैं और दोनों का अ4छा रसूख है। अगर मेयर पद के नाम की लाटरी इन दोनों में से किसी की निकलती है तो फिर सीनियर डिप्टी मेयर के पद पर किसी महिला को बिठाया जा सकता है। इस पद के लिए मुकाबला सुरिंदर कौर, डा. जसलीन सेठी, अनिता राज, उमा बेरी और अरुणा अरोड़ा के बीच रह जाएगा। डिप्टी मेयर के पद पर पार्टी फिर दलित कार्ड खेल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो दलित नेता के रूप में चौथी बार पार्षद बने ज्ञान चंद व देस राज जस्सल, दूसरी बार पार्षद बने पवन कुमार और पहली बार पार्षद बने जगदीश राम समराय के नाम की लाटरी निकल सकती है। जगदीश राम समराय ने जनरल वार्ड से बतौर दलित नेता चुनाव जीता है और पहली बार में ही भाजपा के दिग्गज नेता रवि महेंद्रू को धूल चटाकर पार्षद राजनीति में हीरो बनकर उभरे हैं। वहीं सीनियोरिटी की बात करें तो देसराज जस्सल व ज्ञान चंद सोढी अपनी राजनीति में महारत व जनता के बीच पैठ दिखा चुके हैं। वहीं पवन कुमार विधानसभा चुनावों में वैस्ट हलके से टिकट के दावेदारों में से थे तो युवा नेता होने के नाते वह भी इस पद की दौड़ में चल रहे हैं। अब देखना होगा पार्टी हाईकमान इनमें से किस-किस नाम की लाटरी निकालती है।
पार्षद ज्यादा होने से डिप्टी मेयर के 2 पद बनाए जा सकते हैं
महानगर में इस बार 60 की बजाय 80 वार्डों में चुनाव हुए और 80 पार्षद जीत कर हाऊस में पहुंचे हैं क्योंकि कांग्रेस इस बार सबसे ज्यादा 65 सीटें जीत कर सदन में पहुंची है तो ज्यादा से ज्यादा नेताओं की उम्मीद है कि वह ऊंचे पदों पर बैठें। वहीं पार्टी हाईकमान भी इस बात की रणनीति तैयार कर रही है कि इस बार मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर के साथ-साथ डिप्टी मेयर के दो पद बनाए जाएं। अगर ऐसा होता है तो दो पदों की नोटीफिकेशन सरकार को जारी करनी पड़ेगी। पार्टी की नीति है कि दो पदों पर नेताओं को बिठाने से सभी वर्गों के नेताओं को खुश किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो डिप्टी मेयर का एक पद दलित नेता तो दूसरा पद सिख नेता के हाथ लग सकता है।