Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jan, 2018 10:24 AM
अकाली-भाजपा सरकार के 10 साल में रेत माफिया व ओवरलोड टिप्परों पर क्यों नहीं कोई कार्रवाई की गई। यह बात पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सिमरनजीत सिंह ने आदमपुर हलके के अकाली विधायक पवन कुमार टीनू द्वारा रेत माफिया व ओवरलोड टिप्परों को लेकर पंजाब...
जालंधर(महेश) : अकाली-भाजपा सरकार के 10 साल में रेत माफिया व ओवरलोड टिप्परों पर क्यों नहीं कोई कार्रवाई की गई। यह बात पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सिमरनजीत सिंह ने आदमपुर हलके के अकाली विधायक पवन कुमार टीनू द्वारा रेत माफिया व ओवरलोड टिप्परों को लेकर पंजाब की मौजूदा कैप्टन सरकार तथा पंजाब पुलिस के खिलाफ की जा रही बेतुकी टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कही है। उन्होंने पवन टीनू पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के लिए आज जालंधर के पुलिस कमिश्नर पी.के. सिन्हा को एक लिखित शिकायत भी दी है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि गठबंधन सरकार के समय टीनू को अवैध रूप से चलते रेत के काले धंधे में हिस्सा मिलता था जोकि कैप्टन सरकार के आने के बाद बंद हो गया है। इसी कारण वह बौखलाए हुए हैं और खुद ही ‘कानून’ बनकर सड़कों पर टिप्पर रोक कर उनके कागजात तथा लोड चैक कर रहे हैं जबकि उनके पास ऐसा कोई भी अधिकार नहीं है। क्या गठबंधन सरकार के समय ओवरलोड टिप्परों के कारण कीमती जानें नहीं जाती थीं, तब तो किसी ने आवाज नहीं उठाई। टीनू ने मंगलवार को इस संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों पर भी चुप्पी साध ली थी और अपनी गलती भी कबूल की थी, जिसकी जांच होनी चाहिए।
कानून का सहारा ले सकते थे विधायक
कांग्रेस नेता ने कहा है कि नैशनल हाईवे पर टिप्परों को खुद ही रोक लेना क्या एक विधायक का काम है लेकिन पवन टीनू ने पिछले दिनों पहले होशियारपुर हाईवे पर और फिर पी.ए.पी. चौक के नजदीक नैशनल हाईवे पर टिप्परों को रोक को आम जनता तथा मीडिया से झूठी शोहरत हासिल करने की कोशिश की है। अगर टीनू को कुछ गलत लग भी रहा था तो उसके लिए कानून का सहारा लेते या फिर विधानसभा में जाकर अपनी बात रखते। सिमरनजीत सिंह ने कहा कि विधायक लोगों के हित के लिए होता है, इसलिए ही उसे लोग चुनते हैं लेकिन टीनू विधायक के रूप में खुद ही पुलिस बन कर टिप्परों को बीच सड़क के रोक कर अपनी पावर का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस कमिश्नर पर रेत माफिया से जुड़े होने का भद्दा आरोप भी लगाया था जो एक विधायक को शोभा नहीं देता।