Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 09:15 AM
रविवार देर रात 1.30 बजे के बाद एक्साइज वाले बनकर आए आधे दर्जन से अधिक डकैत जमशेर डेयरी काम्पलैक्स रोड पर पड़ते किसान के डेरे (हवेली) में मौजूद बाप-बेटे व नौकर को बंधक बनाकर एक मोबाइल, 10,000 रुपए व हवेली में बंधी हुई 5 भैंसें लेकर फरार हो गए।
जालंधर (महेश): रविवार देर रात 1.30 बजे के बाद एक्साइज वाले बनकर आए आधे दर्जन से अधिक डकैत जमशेर डेयरी काम्पलैक्स रोड पर पड़ते किसान के डेरे (हवेली) में मौजूद बाप-बेटे व नौकर को बंधक बनाकर एक मोबाइल, 10,000 रुपए व हवेली में बंधी हुई 5 भैंसें लेकर फरार हो गए। बंधक बनाए गए लोगों में हवेली का मालिक संतोख सिंह पुत्र सूरजन सिंह व उसका बेटा भूपिन्द्र सिंह और 20 साल पुराना नौकर बहादर सिंह पुत्र गंगा सिंह तीनों निवासी गांव फोलड़ीवाल शामिल थे।
गांव फोलड़ीवाल के पंचायत सदस्य सुखवीर सिंह सुक्ख की मौजूदगी में संतोख सिंह ने वारदात के बारे में मौके पर पहुंचे थाना सदर की जालंधर हाईट्स पुलिस चौकी के प्रभारी भगवंत सिंह को बताया कि वह रात को अपनी हवेली (डेरे) में ही सोए हुए थे। उनका बेटा व नौकर भी यहीं पर था। रात 1.30 बजे के करीब किसी ने उसके कमरे का शटर खटखटाया, जिसके बाद वह उठ गया। उसने शटर खोलकर देखा कि तेजधार हथियारों (कृपाणों, दातरों व बेसबॉल) से लैस आधा दर्जन से अधिक लोग वहां खड़े थे जोकि एक बड़ी गाड़ी में सवार होकर आए थे, जिन्हें वह अंधेरा होने के कारण पहचान नहीं सका। उन्होंने उससे कहा कि वह एक्साइज विभाग से रेड पर हैं और उन्हें विभाग से सूचना मिली है कि विभाग को वांछित 2 व्यक्ति यहां छिपे हुए हैं। संतोख सिंह ने कहा कि उसे लगा कि शायद वे सच बोल रहे हैं लेकिन जैसे ही उन्होंने पहले उसके साथ और फिर उसके नौकर बहादर व बेटे भुपिन्द्र को जान से मार देने को लेकर धमकाना शुरू किया तो उसे पता चल गया कि ये एक्साइज विभाग वाले नहीं बल्कि डकैती करने आए हैं।
डकैतों में महिला भी शामिल
संतोख सिंह के डेरे पर एक्साइज वाले बनकर वारदात को अंजाम देने आए डकैतों में एक महिला भी शामिल थी जोकि गाड़ी से बाहर नहीं उतरी। इस बात का खुलासा भी पीड़ित संतोख सिंह ने ही किया है। महिला की इस वारदात के पीछे क्या भूमिका थी, इस बारे अभी पता नहीं चला सका है।
एक ही मंजे से बांध दिया तीनों को
डकैतों ने संतोख सिंह, बहादर सिंह व भुपिन्द्र सिंह को एक ही मंजे से बांध दिया। उसके बाद उन्होंने उन्हें गोली से मार देने की धमकी भी दी, जिस पर संतोख सिंह ने कहा कि वे उन्हें गोली न मारें, जो मर्जी ले जाएं। इसके बाद वे उनको बांधकर वहां से गाड़ी में भैंसें लाद फरार हो गए।
बहादर ने पहले खुद को खोला
डकैतों के फरार हो जाने के बाद संतोख सिंह के नौकर बहादर सिंह ने पहले बहुत ही मशक्कत से खुद को खोला और बाद में संतोख सिंह व भुपिन्द्र सिंह को भी उसी ने खोला। बहादर सिंह ने अपने मालिक के प्रति अपनी बहादुरी व वफादारी पूरी दिखाई।
ट्रैक्टर-ट्राली छोड़ गए नकदी, मोबाइल व भैंसें लेकर फरार हुए डकैत
संतोख सिंह के डेरे में खड़े ट्रैक्टर-ट्राली को नहीं लेकर गए। संतोख सिंह ने कहा कि वह ट्रैक्टर-ट्राली के बारे में बात जरूर कर रहे थे। उसे डर था कि अगर वे इसे भी ले गए तो वह कहीं का नहीं रहेगा। उसने ट्रैक्टर-ट्राली नए खरीदे थे, जिससे उसका छोटा बेटा खेती करता है।
बीमार पत्नी को नहीं दी जानकारी
संतोख सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी काफी बीमार है और कुछ दिन पहले ही वह अस्पताल से आई है। उसकी हालत में अभी पूरी तरह से सुधार नहीं हुआ है और अगर ऐसी हालत में वह इस वारदात के बारे में उसे बता देता तो वह बर्दाश्त नहीं कर पाती।