रिश्वत मांगने वाले पटवारी के खिलाफ कार्रवाई महज खानापूर्ती : चड्ढा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Mar, 2018 09:22 AM

ravinderpal singh chadha

लगभग 5 साल पहले इंतकाल चढ़ाने के बदले 60,000 रुपए की रिश्वत मांगने वाले पटवारी कमल कुमार जो मौजूदा समय में रिटायर भी हो चुका है और उसके खिलाफ दूसरी बार शुरू हुई विभागीय जांच की सुनवाई को पूरा हुए लगभग 6 महीने से अधिक समय बीत चुका है। मगर उसके खिलाफ...

जालंधर(अमित): लगभग 5 साल पहले इंतकाल चढ़ाने के बदले 60,000 रुपए की रिश्वत मांगने वाले पटवारी कमल कुमार जो मौजूदा समय में रिटायर भी हो चुका है और उसके खिलाफ दूसरी बार शुरू हुई विभागीय जांच की सुनवाई को पूरा हुए लगभग 6 महीने से अधिक समय बीत चुका है। मगर उसके खिलाफ हुई विभागीय पड़ताल में प्रशासन द्वारा किए गए एक्शन की जानकारी लेने में शिकायतकत्र्ता के पसीने छूट गए। 

इस बात की जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता रविंदरपाल सिंह चड्ढा ने कहा कि इतनी जद्दोजहद के बाद जब उन्हें जानकारी प्राप्त हुई, तो उनकी हैरानी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा उक्त दोषी पटवारी के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ती ही की गई है। डी.सी. ने अपने आदेश में पटवारी को दोषी तो ठहराया है, मगर सजा के तौर पर उसकी पैंशन में से एक साल की पैंशन का 5 प्रतिशत हिस्सा रोका गया है, जो एक सरकारी मुलाकिाम द्वारा अपनी जिम्मेदारी वाली सीट पर रहते हुए रिश्वत मांगने के आरोप साबित होने पर दी जाने वाली सजा के रूप में कुछ भी नहीं है। 

चड्ढा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन पर किसी प्रकार का दबाव है जिसके चलते पटवारी के साथ इतनी रियायत बरती गई है। उन्होंने कहा कि वह पिछले लंबे समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। मगर हर बार किसी न किसी कारण से प्रशासनिक अधिकारी दोषी पटवारी को बचाने के लिए कोई न कोई रास्ता ढूंढ ही लेते हैं। चड्ढा ने कहा कि वह प्रशासन द्वारा किए गए फैसले से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि इससे भ्रष्टाचारी कर्मचारियों के हौंसले बुलंद होंगे और नाममात्र सजा के चलते वह गल्त काम करने से नहीं डरेंगे। इस मामले में वह कानूनी माहिरों की सलाह लेकर आगे की कारवाई करेंगे।

गौर हो कि 5 साल पहले अप्रैल महीने में रविंदरपाल सिंह ने उक्त पटावारी के खिलाफ डी.सी. के पास एक शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें कहा गया था कि उनकी दुकान का इंतकाल चढ़ाने के नाम पर 60,000 रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। इसके बाद शिकायतकत्र्ता ने चुपके से पटवारी की बातों को रिकार्ड करके एक सी.डी. बना ली थी जो उसने अपनी शिकायत के साथ लगाई थी। सी.डी. में साफ पता लगता था कि कैसे पटवारी उच्चाधिकारियों के नाम पर पैसों की मांग कर रहा था और पैसे न देने की सूरत में इंतकाल दर्ज न करके रजिस्ट्री तक रद्द करवाने की बात कर रहा था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!