Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 12:50 PM
राजस्थान में भाजपा समय-समय पर किसी न किसी विवाद को लेकर चर्चा में आती रहती है। बात चाहे किसी विधायक या मंत्री की तरफ से बगावत की हो या फिर प्रदेश भाजपा में किसी मसले पर विवाद की हो। अब राजस्थान विधानसभा सचिवालय में चपड़ासी के पद पर भाजपा विधायक के...
जालंधर (पाहवा) : राजस्थान में भाजपा समय-समय पर किसी न किसी विवाद को लेकर चर्चा में आती रहती है। बात चाहे किसी विधायक या मंत्री की तरफ से बगावत की हो या फिर प्रदेश भाजपा में किसी मसले पर विवाद की हो। अब राजस्थान विधानसभा सचिवालय में चपड़ासी के पद पर भाजपा विधायक के बेटे का चयन विवादों में घिर गया है। इस पद के लिए इंजीनियर से लेकर वकील, चार्टर्ड अकाऊंटैंट और पोस्ट-ग्रैजुएशन जैसी योग्यताएं रखने वाले लोगों ने आवेदन किया था लेकिन नौकरी मिली विधायक के 10वीं पास बेटे को।
बीते अक्तूबर में कम से कम 129 इंजीनियरों, 23 वकीलों, एक सी.ए. और 393 पोस्ट-ग्रैजुएट उम्मीदवारों ने चतुर्थ श्रेणी के 18 पदों के लिए आवेदन किया था। 15 दिसम्बर को चुने गए 18 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई। इस लिस्ट में 12वें नंबर पर रामकृष्ण मीणा का नाम था जो भाजपा विधायक जगदीश नारायण मीणा के बेटे हैं।रामकृष्ण के चयन को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की नीतियों की वजह से राजस्थान के युवा बेरोजगार हो रहे हैं और भाजपा नेता अपने रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी दिलवाने में व्यस्त हैं।जगदीश नारायण मीणा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है। मीणा ने दावा किया कि उनके बेटे के चुनाव की प्रक्रिया में कोई विसंगति नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने नौकरी की सामान्य प्रक्रिया के तहत आवेदन किया था और एक इंटरव्यू के बाद उसका सिलैक्शन हो गया। विपक्ष के आरोपों पर भाजपा विधायक ने कहा कि विपक्ष कहता है कि बेटे को नौकरी दिलवाने के लिए उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल किया। अगर मुझे ऐसा करना होता तो वह अपने बेटे को चपड़ासी की नौकरी क्यों दिलवाते, फिर तो वह उसे किसी ऊंचे पद पर बिठाते।