Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 12:17 PM
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा ली जाने वाली बोर्ड परीक्षाओं व कक्षा 9वीं और 11वीं की फाइनल परीक्षाओं, जिसमें सिर्फ एक महीना ही बचा है, की तैयारी जिला शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है परन्तु इस बार तैयारी के लिए टीम तो है परन्तु ‘कप्तान’ यानी जिला...
जालंधर (सुमित): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा ली जाने वाली बोर्ड परीक्षाओं व कक्षा 9वीं और 11वीं की फाइनल परीक्षाओं, जिसमें सिर्फ एक महीना ही बचा है, की तैयारी जिला शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है परन्तु इस बार तैयारी के लिए टीम तो है परन्तु ‘कप्तान’ यानी जिला शिक्षा अधिकारी का पद खाली है। ऐसे में बिना ‘कप्तान’ के ही टीम द्वारा परीक्षाओं की तैयारियां भले ही शुरू कर दी गई हैं परन्तु इसकी असल जिम्मेदारी लेने के लिए शिक्षा विभाग पंजाब को कोई अधिकारी जरूर नियुक्त करना चाहिए। अगर देखा जाए तो जिला शिक्षा अधिकारी नीलम कुमारी, जो 28 दिसम्बर को अपने पद से रिटायर हो चुकी हैं, की रिटायरमैंट के 18 दिन बाद भी डी.ई.ओ. की कुर्सी खाली पड़ी है। जानकारी के मुताबिक जिला साइंस सुपरवाइजर द्वारा तो पहले ही काम के चलते शिक्षा अधिकारी का चार्ज लेने से मना कर दिया गया था। इसके अलावा डिप्टी डी.ई.ओ. पहले ही एडहॉक पर हैं, जिसके चलते उन्हें चार्ज नहीं दिया गया।इसमें सोचने वाली यह है कि स्थायी शिक्षा अधिकारी के बिना परीक्षाओं के दिनों में कामकाज किस प्रकार चलाया जा सकता है। जिला शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का भी कहना है कि दफ्तर के कई काम रुक जाते जाते हैं, इसलिए शिक्षा अधिकारी की नियुक्ति जल्दी होनी चाहिए।
कई अन्य जिलों में भी है ऐसी स्थिति
बिना शिक्षा अधिकारी के केवल जिला जालंधर का शिक्षा विभाग ही काम नहीं चला रहा बल्कि रा’य के कुछ और जिलों में भी शिक्षा अधिकारी के पद रिक्त पड़े हैं। फाजिल्का में जिला शिक्षा अधिकारी सैकेंडरी व एलीमैंट्री दोनों पद खाली हैं। इनके अलावा होशियारपुर, नवांशहर समेत अन्य जिलों में भी पद रिक्त पड़े हैं।
रामपाल को मिली डी.डी.ओ. पावर्स
जिला शिक्षा अधिकारी सैकेंडरी का पद करीब 18 दिन खाली रहने के बाद भले ही डी.डी.ओ. पावर्स शिक्षा अधिकारी प्राइमरी रामपाल को दे दी गई परन्तु यह सिर्फ नाम की ही हैं क्योंकि रामपाल के पास शिक्षा विभाग एलीमैंट्री व सर्वशिक्षा अभियान और मिड-डे-मील का चार्ज है और उनको इन सबसे ही समय नहीं मिलता। डी.डी.ओ. पावर्स केवल कार्यालय स्टाफ की सैलरी निकलवाने के लिए ही दी गई हैं।