Edited By Updated: 30 Jun, 2016 04:20 PM
पंजाब सरकार द्वारा चुनाव से पहले वोटरों को बर्तन देकर लुभाने की स्कीम विवादों में उलझ गई है। विवाद पंजाब सरकार के दो विभागों के बीच है।
चंडीगढ़: पंजाब सरकार द्वारा चुनाव से पहले वोटरों को बर्तन देकर लुभाने की स्कीम विवादों में उलझ गई है। विवाद पंजाब सरकार के दो विभागों के बीच है। विभागीय लड़ाई कारण फिलहाल बर्तन खरीदने की प्रतिक्रिया रुक गई है। वास्तव में सरकार ने 100 करोड़ के बर्तन खरीदने थे इसलिए जिम्मेदारी सूबे के ग्रामीण विकास तथा पंचायत विभाग को दी गई परन्तु अब सूबे के कंट्रोलर आफ स्टोर ने रुकावट डाल दी है।
इससे पहले ग्रामीण विकास तथा पंचायत विभाग ने बर्तन खरीदने के लिए टैंडर भी पिछले दिनों जारी कर दिया था। यहां तक कि बर्तन सप्लाई करने वाली कंपनियों को 20 जून तक टैंडर भरने के लिए कहा था। इन टैंडरों पर बोली 21 जून को होनी थी परन्तु पंचायत विभाग के इस टैंडर पर कंट्रोलर आफ स्टोर ने लगाम लगा दी है।
मिली जानकारी अनुसार कंट्रोलर आफ स्टोर खुद बर्तनों की खरीद करना चाहता है। दूसरी तरफ ग्रामीण विकास तथा पंचायत विभाग पूरी खरीद खुद करना चाहता है। दो विभागों की इसी खींचतान कारण बर्तनों की खरीद की प्रतिक्रिया फिलहाल रुक गई है और मामला मुख्यमंत्री की कचहरी में पहुंच गया है।
सूत्रों अनुसार बर्तनों के लिए पंजाब की 6 कंपनियों ने टैंडर भरे हैं परन्तु मामले पर विवाद पैदा होने के बाद फिलहाल टैंडर खुलने की पूरी प्रतिक्रिया रुक गई है। अब दोनों विभाग मुख्यमंत्री की अोर देख रहे हैं। बर्तनों की प्रतिक्रिया रोकने के लिए अतिरिक्त कंट्रोलर ने ग्रामीण विकास पर पंचायत विभाग को लिखित पत्र भी भेजा।
टैंडर में शर्त यह भी थी कि कंपनियों को पूरा माल तीन महीने में सप्लाई करना होगा। सरकार दिसंबर तक यह प्रतिक्रिया पूरी करना चाहता थी जिससे चुनाव से पहले लोगों की रसोईअों तक पहुंचाया जाए। परन्तु दोनों विभागों की आपसी लड़ाई कारण फिलहाल सरकार की यह योजना लटक गई है।