Edited By Updated: 27 Nov, 2015 05:22 PM
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा स्विस बैंक अधिकारियों को पूर्व सांसद व कांग्रेस विधायिका परनीत कौर तथा उनके पुत्र रणइंद्र ..
जालन्धर (धवन): केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा स्विस बैंक अधिकारियों को पूर्व सांसद व कांग्रेस विधायिका परनीत कौर तथा उनके पुत्र रणइंद्र सिंह के बैंक खातों संबंधी जानकारी देने के लिए लिखे गए पत्र के जवाब में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज केेंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने मीडिया को एच.एस.बी.सी. द्वारा 6 सितम्बर 2011 को जारी किए गए पत्र की कापियां मीडिया को रिलीज की हैं जिसमें स्विस बैंक अधिकारियों ने दावा किया है कि उनके बैंक में परनीत कौर व रणइंद्र सिंह का कोई बैंक खाता नहीं है।
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज बताया कि उनके वकील आर.एस. गिल ने 2 सितम्बर 2011 को एच.एस.बी.सी. बैंक के डायरैक्टर जनरल को पत्र लिख कर कहा था कि 2007 में स्विस बैंक के कम्प्यूटर से कुछ डाटा चोरी हो गया था जिसमें विभिन्न व्यक्तियों के नाम शामिल बताए जाते थे। उनके वकील ने बैंक से पूछा था कि उनके क्लाइंट का नाम भी इसमें आया है जबकि उनका बैंक खाते से कोई लेना-देना नहीं है।
वकील ने यह भी कहा था कि परनीत कौर ने उन्हें कहा है कि एच.एस.बी.सी. जिनेवा या बैंक के किसी अन्य खाताधारक के साथ उनके कोई संबंध नहीं है इसलिए इस संबंध में सारी स्थिति स्पष्ट की जाए। इसी तरह की जानकारी वकील ने रणइंद्र सिंह को लेकर मांगी थी।
एच.एस.बी.सी. के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रॉबट जे. डियू प्लैसिस ने 6 सितम्बर 2011 को उनके वकील को जवाबी पत्र लिख कर बताया कि श्रीमती परनीत कौर न तो उनके बैंक में खाता धारक है और न ही बैंक की किसी अन्य शाखा में उनका खाता है।
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि वास्तव में मोदी सरकार ने उन्हें कांग्रेस का प्रदेश प्रधान बनते देख यह पत्र स्विस बैंक को वित्त मंत्रालय से जारी करवा दिया।
उन्होंने कहा कि एच.एस.बी.सी. बैंक से मिली सारी सूचनाएं परनीत व उनके बेटे रणइंद्र ने आयकर विभाग के अधिकारियों को भेज दी थी। उसके बावजूद पंजाब में 2017 में होने वाले आम चुनावों को देखते हुए मोदी सरकार ने फिर से यह मुद्दा उठा दिया।
उन्होंने कहा कि शिअद व भाजपा नेताओं को उनसे भय है कि अगर उनके हाथों में कांग्रेस की ताकत आ गई तो फिर गठबंधन को 2017 में मुंह की खानी पड़ जाएगी।