Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 10:07 AM
पिछले 2 वर्षों से आलू की फसल का उचित मूल्य न मिलने के कारण भारी घाटे में चल रहे आलू उत्पादकों को आशा थी कि इस बार फसल का उचित मूल्य मिलेगा परन्तु इस बार भी आलू की पैदावार अधिक होने के कारण मूल्यों में भारी गिरावट आ जाने से किसानों की उम्मीदों पर...
शाहकोट,मलसियां(मरवाहा,त्रेहन): पिछले 2 वर्षों से आलू की फसल का उचित मूल्य न मिलने के कारण भारी घाटे में चल रहे आलू उत्पादकों को आशा थी कि इस बार फसल का उचित मूल्य मिलेगा परन्तु इस बार भी आलू की पैदावार अधिक होने के कारण मूल्यों में भारी गिरावट आ जाने से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। शाहकोट के दोना क्षेत्र के प्रमुख आलू उत्पादक किसान गुरदयाल सिंह ग्रेवाल तथा उनके साथीयों ने बताया कि किसान करीब 2 रुपए प्रति किलो आलू बेचने को विवश है।
आलू के अतिरिक्त पिछले वर्ष खरबूजा तथा तरबूज की फसलें भी किसानों के लिए लाभदायक साबित नहीं हुईं। पिछला घाटा पूरा करने के लिए क्षेत्र के किसानों ने अपनी जमीन के अतिरिक्त करीब 35,000 रुपए प्रति एकड़ जमीन ठेके पर लेकर आलू की फसल लगाई थी पर इस बार भी उचित मूल्य न मिलने के कारण बीज, खाद, स्प्रे, तथा लेबर का खर्चा तो क्या पूरा होना था जमीन का ठेका भी नहीं निकल रहा। कड़ाके की सर्दी में रात-दिन खेतों में रह कर किसान जो फसल की रखवाली करता है, वह अलग है। समय आने पर महंगे दाम पर आलू बेचने के लिए किसानों ने आलू कोल्ड स्टोरों में रखे थे पर 2017 के आखिरी महीनों में कीमत इतनी कम हो गई थी कि इन्हें बेच कर कोल्ड स्टोरों का किराया भी पूरा नहीं हो पाया, जिस कारण किराया देने में असमर्थ किसानों व्यापारियों ने कोल्ड स्टोरों से आलू ही नहीं उठाया।
आलू स्टोरों में ही पड़ा-पड़ा खराब हो गया। इस बार देश के कई राज्यों में हुई बम्पर पैदावार तथा पिछले 2 वर्षों से हो रहे घाटे जैसे कारणों के चलते जहां अन्य राज्यों के व्यापारी पंजाब में नहीं आ रहे वहीं स्थानीय व्यापारी भी अभी तक आलू की खरीद में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। क्षेत्र के प्रमुख आलू उत्पादक किसानों अजमेर सिंह खैहरा, अशविंदर पाल सिंह खैहरा, लखविंदर सिंह लक्खा, जागीर सिंह मल्लीवाल, संतोख सिंह, जोगा सिंह, भजन सिंह ग्रेवाल, निर्मल सिंह राइवाल दोना सहित कई अन्य किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की कि देश में आलू उत्पादक किसानों को घाटे से बचाने हेतु आलू का मूल्य निर्धारित कर फसल की खरीद के उचित प्रबंध किए जाएं व आलू उत्पादक किसानों को मुआवजा भी दिया जाए।