भाटिया पक्ष की मेहनत लाई रंग, गोलक, दान व दुकानों की आमदन का प्रबंध रिसीवर ने संभाला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jan, 2018 01:06 PM

paramjit singh bhatia

गुरुद्वारा दीवान अस्थान सैंट्रल टाऊन जालंधर की देखरेख को लेकर गत दिवस परमजीत सिंह भाटिया पक्ष व मोहन सिंह ढींडसा पक्ष में हुई गर्मागर्मी को लेकर पैदा हुए हालात के मद्देनजर आज सारा दिन गुरुद्वारा पुलिस छावनी में तबदील रहा। जिक्रयोग है कि गत दिवस घटित...

जालंधर (चावला): गुरुद्वारा दीवान अस्थान सैंट्रल टाऊन जालंधर की देखरेख को लेकर गत दिवस परमजीत सिंह भाटिया पक्ष व मोहन सिंह ढींडसा पक्ष में हुई गर्मागर्मी को लेकर पैदा हुए हालात के मद्देनजर आज सारा दिन गुरुद्वारा पुलिस छावनी में तबदील रहा। जिक्रयोग है कि गत दिवस घटित हुई घटना के कारण आज पुलिस प्रशासन ने भाटिया पक्ष व ढींडसा पक्ष को दस्तावेज सहित अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था, जिसके लिए आज परमजीत सिंह भाटिया पक्ष व ढींडसा पक्ष ने ए.डी.सी.पी. मनदीप सिंह गिल के दफ्तर में अपना पक्ष रखा।

इस दौरान अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने इनके पक्ष को ध्यान से सुना। बाद में गुरुद्वारा दीवान अस्थान सैंट्रल टाऊन में एस.डी.एम. राजीव वर्मा, डी.सी.पी. जसवीर सिंह, ए.डी.सी. मनदीप सिंह गिल, तहसीलदार कर्मदीप भुल्लर, ए.सी.पी. परमिन्द्र सिंह, इंस्पैक्टर निर्मल सिंह, इंस्पैक्टर नवदीप सिंह, इंस्पैक्टर विजय कुंवर सिंह के अलावा भारी सुरक्षा बल मौजूद था। इस मौके पर रिसीवर राजीव वर्मा एस.डी.एम.-1 ने बताया कि वह आज गत दिवस हुई घटना के मद्देनजर गुरुद्वारा साहिब बतौर रिसीवर आए हैं जबकि माननीय अदालत द्वारा यहां रिसीवर नियुक्त किया गया है तथा अब वह गुरुद्वारा साहिब की गोलक, दान व गुरुद्वारा साहिब की दुकानों से होने वाली आमदन का हिसाब देखेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन चल रहे अस्पताल व स्कूल का प्रबंध ज्यों का त्यों रहेगा।

जो लोग बिजली का बिल नहीं दे सकते, उन्हें गुरुघर की सेवा करने का कोई हक नहीं : भाटिया पक्ष
गुरुद्वारा दोआबा श्री गुरु सिंह सभा अड्डा होशियारपुर, जालंधर के चेयरमैन परमजीत सिंह भाटिया व प्रधान जत्थेदार अजीत सिंह करारखां ने कहा कि 8 साल बाद रिसीवर सेवा संभालने में कामयाब हुए हैं क्योंकि गुरुद्वारा दीवान अस्थान सैंट्रल टाऊन जालंधर में संगतों द्वारा चढ़ाई जाती गोलक का दुरुपयोग रोकने के लिए 2011 में माननीय अदालत ने रिसीवर नियुक्त किया था, जिन्हें सेवा तक नहीं करने दी गई व राजनीतिक दबाव के कारण दबा कर रखा हुआ था। उन्होंने कहा कि झूठी शौहरत कारण पिछले 8 सालों से 8-9 लाख रुपए का बिजली का बिल जमा नहीं करवाया गया। उन्होंने रिसीवर द्वारा प्रबंध संभालने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब गुरु की गोलक का दुरुपयोग नहीं होगा व पैसा गुरुघर के कार्यों में ही लगेगा। जो लोग बिजली का बिल नहीं दे सकते, उन्हें गुरुघर की सेवा करना का कोई अधिकार नहीं। उन्होंने पुलिस प्रशासन व एस.डी.एम.-1 को बताया कि 5 से 7 करोड़ रुपए की रिकवरी इस कमेटी से करनी है। उस संबंधी पुलिस को दख्र्वास्त दी जाएगी। इनके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस प्रशासन व एस.डी.एम. द्वारा लिए गए इस फैसले को असंतुष्ट करार देते हुए कहा कि माननीय अदालत के आदेश के मुताबिक 2 सदस्यों को नियुक्त किया गया था, जिसमें डा. परमजीत सिंह मरवाहा व जत्थेदार अजीत सिंह करार खां के नाम नामजद किए गए थे इसलिए प्रशासन को चाहिए था कि वह 2 सदस्यों को सेवा सौंपती।
 

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