Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 09:51 AM
ओवरलोडिड ऑटो शहर व लिंक सड़कों पर ‘यमराज’ बन कर घूम रहे हैं। यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले ऑटो चालक चन्द रुपए की खातिर लोगों की जिंदगियों से खेल रहे हैं। समय-समय पर प्रशासनिक सख्ती के बावजूद सरेआम घूम रहे ‘यमराज’ को रोकने के लिए कोई ठोस...
जालंधर(राजेश): ओवरलोडिड ऑटो शहर व लिंक सड़कों पर ‘यमराज’ बन कर घूम रहे हैं। यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले ऑटो चालक चन्द रुपए की खातिर लोगों की जिंदगियों से खेल रहे हैं। समय-समय पर प्रशासनिक सख्ती के बावजूद सरेआम घूम रहे ‘यमराज’ को रोकने के लिए कोई ठोस समाधान फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। न तो ऑटो चालक नियमों का पालन करना अपनी ड्यूटी समझ रहे हैं और न ही पुलिस प्रशासन ‘इंसानियत’ का दम भरते हुए ज्यादा सख्ती बरत पा रही है।
बीते दिन नकोदर रोड पर वंडरलैंड के निकट भीषण हादसा हुआ। दुर्घटना में ऑटो में सवार बच्ची, ऑटो चालक समेत 5 लोगों की मृत्यु हुई और बाकी 3 बच्चों समेत 6 लोग घायल हुए। गलती चाहे दूध टैंकर चालक की रही और पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया लेकिन इस दुखद घटना का दूसरा पहलू यह भी है कि ऑटो में भी यातायात नियमों को ठेंगा दिखाते हुए 10 लोग सवार थे। दुर्घटना में एक ही कुनबे के कई लोग जान गंवा बैठे। पिछले महीने पटेल चौक के निकट भी 2 ऑटो की टक्कर में दूसरे राज्य से आए एक व्यक्ति की मौत हुई। ऐसे हादसे पहले भी कई बार हो चुके हैं। कई बार अनियंत्रित ऑटो पलटने और दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण कई लोग जान गंवा बैठे हैं। रोड ट्रैफिक एक्ट में ऑटोज को लेकर नियम स्पष्ट हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि नियमों की तरफ कोई ध्यान नहीं देता। खासकर ऑटो चलाने वाले चालक तो बिल्कुल भी नहीं है। यातायात नियमों का पालन न होने के कारण ही ज्यादातर हादसे होते हैं। ऐसा सड़क दुर्घटनाओं को लेकर संबंधित विभाग द्वारा एकत्र किए गए आंकड़े बताते हैं।
ऑटो चालकों को नहीं नियमों की परवाह
ऑटो चालकों को ट्रैफिक नियमों की परवाह तो दूर पूरी तरह से जानकारी भी नहीं है। इसका कारण यह है कि जिस बेरोजगार व्यक्ति को कोई काम नहीं मिलता तो वह या तो किराए पर और या फिर बैंकों और प्राइवेट बैंकों के नियमों का फायदा लेते हुए ऑटो लेकर उसी दिन से शहर और ङ्क्षलक मार्गों पर चलाना शुरू कर देता है। ऑटो चलाने के लिए किसी परमिशन का इंतजार भी नहीं करता। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में शहर और देहात एरिया में ऑटोज की गिनती दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऑटो चालकों को ट्रैफिक नियमों का ज्ञान न होने के कारण वे पालन भी नहीं कर पाते। जिन्हें जानकारी है भी वे भी निजी हितों के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखते हैं।
ज्यादा सवारियों के कारण नहीं रहता कन्ट्रोल
ऑटोज रिपेयर के एक मैकेनिक के मुताबिक ऑटोज में 3-4 सवारियां बिठाने की परमिशन इसलिए भी है क्योंकि ऑटो के 3 टायर होते हैं। 3-4 सवारियों के कारण ऑटो का बैलेंस बना रहता है, लेकिन जैसे ही सवारियां 3 गुना हो जाती हैं, ऑटो चालक का भी पूरी तरह से नियंत्रण नहीं रहता। हल्के-सा कट के कारण भी ऑटो पलट जाता है। यह टैक्नीकल फाल्ट है इसलिए ’यादा सवारियां बिठाने की अनुमति नहीं है।
ऑटो में 3 से 4 सवारियां बिठाने की अनुमति लेकिन बैठाते हैं 10 से 12 लोग
ऑटोज के लिए नियम स्पष्ट है कि एक समय में ऑटो में 3 से 4 सवारियां ही बिठाई जा सकती हैं लेकिन ऑटो चालक नियमों की परवाह न करते हुए एक समय में 10 से 12 सवारियां बिठा कर शहर की सड़कों पर ‘यमराज’ के रूप मे उड़ते नजर आते हैं। यहां तक कि ऑटो चालक सवारी बिठाने और उतारने के लिए बीच सड़क ही खड़े हो जाते हैं व शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या का कारण बनते हैं।
ऑटो फैलाते हैं प्रदूषण
यह कहना गलत नहीं है कि ऑटोज चलाने वाले चालक बेरोजगार और आर्थिक रूप से सुदृढ़ नहीं होते। इसी आढ़ में उक्त लोग ज्यादा बचत के लिए नियमों का उल्लंघन करते हैं। पैट्रोल, डीजल व कुछ अन्य ज्वलनशील पदार्थ मिक्स करने के कारण ऑटोज ’यादा प्रदूषण भी फैलाते हैं।
एक माह में 700 चालान, शहर में परमिट सिर्फ 2800 चलते हैं 6000 से ज्यादा
विकराल रूप धारण करती जा रही समस्या संबंधी पिछले दिनों सख्ती बरतने वाले ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक कुलवंत सिंह हीर ने बताया कि एक माह से ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात पाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ट्रैफिक जाम का प्रमुख कारण ऑटो पर शिकंजा कसा गया। ए.डी.सी.पी. हीर ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा सिर्फ पी.एन.बी. चौक से बस्ती अड्डा चौक तक विदाऊट परमिट ऑटो की एंट्री बन्द की गई। इसका काफी फायदा मिला। ए.डी.सी.पी. ने बताया कि पिछले एक माह में ओवरलोड व नियमों का उल्लंघन करने वाले ऑटो चालकों के 700 के करीब चालान काटे गए। ए.डी.सी.पी. ने बताया कि जांच में पता चला है कि परिवहन विभाग द्वारा शहर में ऑटो चलाने के लिए सिर्फ 2800 परमिट जारी किए हैं लेकिन आसपास के कस्बों से लिए गए परमिट के ऑटो भी शहर में चलते हैं। अनुमान है कि शहर में 6,000 से कहीं ’यादा ऑटो चल रहे हैं। ए.डी.सी.पी. ने कहा कि पुलिस सख्ती से अपनी ड्यूटी कर रही है।