Edited By Updated: 27 Nov, 2015 12:04 PM
पासपोर्ट में अब जन्म तारीख व जन्म स्थान परिवर्तित करवाना आसान नहीं है। केरल हाईकोर्ट ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है ...
जालन्धर: पासपोर्ट में अब जन्म तारीख व जन्म स्थान परिवर्तित करवाना आसान नहीं है। केरल हाईकोर्ट ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसकी कापियां केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने देश के सभी पासपोर्ट कार्यालयों को भेजी हैं।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी हरमनबीर सिंह गिल ने बताया कि केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी आवेदक ने अपने पासपोर्ट में जन्म तारीख या स्थान परिवर्तित करवाना है तो पासपोर्ट जारी होने के कुछ महीनों के अंदर ही यह कार्य करवा लिया जाए।
गिल ने बताया कि अगर कोई आवेदक 4-5 वर्ष बाद जन्म तारीख या जन्म स्थान संशोधित करवाने के लिए आता है तो उसके आवेदन को मंजूर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि अगर पासपोर्ट में जन्म तारीख संबंधी कोई गलती हुई है तो वह आवेदक के ध्यान में तुरन्त आ जानी चाहिए।
गिल ने कहा कि 5 या 10 वर्षों बाद जन्म तारीख में संशोधन करवाने के लिए आवेदन करना उचित नहीं है। अदालत ने यह भी कह दिया है कि जन्म तारीख तसदीक करने वाले अधिकारी भी ध्यान रखें कि संबंधित व्यक्ति के शैक्षिक प्रमाण पत्र में क्या लिखा हुआ है।
उन्होंने कहा कि पासपोर्ट अपने आप में एक वैद्य प्रमाण पत्र है। उल्लेखनीय है कि जन्म तारीख व स्थान में संशोधन को लेकर अनेकों मामले पासपोर्टकार्यालयों में आते हैं। जब पासपोर्ट अधिकारी संबंधित संशोधनों को मंजूरी देने से इंकार कर देते हैं तो यह मामले निम्र अदालतो ंमें चले जाते हैं परन्तु अब केरल हाईकोर्टके फैसले के बाद अदालती केसों की गिनती में कमी आ जाएगी।
केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट अधिकारियों को कहा है कि वह जन्म तारीख व जन्म स्थान संबंधी निम्र अदालतों में चल रहे केसों में केरल हाईकोर्ट के फैसले की कापियों को प्रस्तुत करें।
गिल ने कहा कि कई बार तो ऐसे केस भी पासपोर्ट कार्यालय के ध्यान में आते हैं जिसमें 20-20 वर्ष बाद लोग जन्म तारीख में संशोधन को लेकर पासपोर्ट कार्यालय में उपस्थित होते हैं।