Edited By Updated: 12 Oct, 2015 04:20 PM
केन्द्र की राजग सरकार ने धान की मिलिंग दरें घटा दी है, जिससे चावल इंडस्ट्री में उबाल आ गया है।
जालंधर (धवन): केन्द्र की राजग सरकार ने धान की मिलिंग दरें घटा दी है, जिससे चावल इंडस्ट्री में उबाल आ गया है। पंजाब राइस मिलर्स एसो. अध्यक्ष तरेसम लाल सैनी ने बताया कि केन्द्र ने मिलिंग दरें 15 रुपए प्रति किंवटल से घटाकर 10 रुपए प्रति किंवटल कर दी हैं। ऐसी स्थिति में शैलर इंडस्ट्री के लिए अपना अस्तित्व बचाना मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि राइस ब्रान तथा छिलके का रेट पहले ही 20 प्रतिशत घट गया है। चावल उद्योग के लिए अब अपना कारोबार और चलाना कठिन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शैलर इंडस्ट्री काफी समय से मिलिंग दरों में बढ़ौतरी की मांग कर रही थी। उसमें बढ़ौतरी क्या करनी थी बल्कि उसमें कमी ला दी गई है।
सैनी ने कहा कि पंजाब सरकार ने भी शैलर मालिकों को दबाने वाली नीतियां अपनानी शुरू कर दी हैं। नई मिलिंग नीति के तहत मंडियों से धान की फसल को शैलरों तक पहुंचाने के लिए किराया मांगा जा रहा है, जबकि शैलरों को आबंटित धान की फसल शैलरों तक पहुंचाना सरकार का कर्तव्य है।
अगर शैलर मालिक आबंटित क्षमता से अधिक फसल मिलिंग के लिए शैलरों में लाते हैं तो ही वह किराया अदा करने के हकदार हैं। शैलर एसोसिएशन ने कहा कि अगर सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव न किया तो उस स्थिति में मंडियों से धान की फसल को उठाने में मुश्किलें आ जाएंगी।